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दिल्ली में मतदान शुरू – 1.56 करोड़ मतदाता करेंगे अपने अधिकार का इस्तेमाल

ByLuv Kush

फरवरी 5, 2025
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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए बुधवार सुबह सात बजे से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हो गया और मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ-साथ दो राज्यों की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आज कराये जा रहे हैं। तमिलनाडु की ईरोड और उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी मतदान सुबह सात बजे से शुरू हो गया है। इरोड के विधायक ईवीकेएस एलनगोवन के निधन और अयोध्या के मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रसाद के त्यागपत्र देने के कारण ही यह दोनों सीटें रिक्त पड़ी थी।

प्रत्याशियों की किस्मत फैसला 8 फरवरी को
दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. एलिस वाज ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी मतदाताओं से अपने घरों से बाहर निकलकर बढ़ चढ़कर मतदान करने की अपील की है। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चत करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं जिसके तहत कुल 97,955 कर्मचारी और 8,715 स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 220 कंपनियां, होमगाडर् के 19,000 जवान और दिल्ली पुलिस के 35,626 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में 699 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके भाग्य को फैसला आज मतदाता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद कर देंगे और सभी प्रत्याशियों की किस्मत फैसला 8 फरवरी को आयेगा।

चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यत: तीन प्रमुख दलों- सत्तारूढ़ AAP, BJP और कांग्रेस पार्टी ने एक दूसरे के खिलाफ तीखे हमले किए। तीनों पाटिर्यों के बीच दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन चुनावी वायदे करने की होड़ देखी गयी। राष्ट्रीय राजधानी के कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला भी देखने को मिलेगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कुल 1.56 करोड़ से अधिक मतदाता आज अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 83.76 लाख पुरुष, 72.36 महिला और 1,267 उभयलिंगी मतदाता शामिल हैं। इस बार लिंग अनुपात 864 और ईपी रेशिया (इलेक्टर टू पॉपुलेशन रेशियो) 71.86 दर्ज किया गया है, जिससे स्पष्ट है कि महिलाओं की भागीदारी भी मजबूत होगी।

इस बार युवा और वरिष्ठ नागरिकों की अच्छी-खासी भागीदारी देखी जा रही है। मतदान में 18-19 वर्ष के 2.39 से अधिक युवा मतदाता पहली बार मतदान करेंगे, जो कि युवाओं की लोकतंत्र में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। वहीं 85 वर्ष से अधिक उम्र के 1.09 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक और 100 वर्ष से अधिक उम्र के 783 मतदाता भी लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी निभाएंगे। इसके अतिरिक्त 79,885 दिव्यांग मतदाता और 12,736 सेवा मतदाता भी सूची में शामिल हैं। दिल्ली में इस बार कुल 2,696 मतदान स्थल तय किए गए हैं, जिनमें 13,766 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके। चुनाव परिणाम आठ फरवरी को आयेंगे और चुनाव प्रक्रिया 10 फरवरी तक संपन्न होगी।

लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही ‘आप’
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में ‘आप’ अपनी कल्याणकारी योजनाओं के दम पर लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा 25 वर्षों से अधिक समय के बाद राजधानी में फिर से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। दिल्ली में 2013 तक 15 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रहने के बाद वापसी की कोशिश कर रही है।

संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल किए जाएंगे तैनात
मतदान बुधवार को सुबह सात बजे शुरू होगा और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, दिल्ली पुलिस के 35,626 जवान और 19,000 होमगार्ड तैनात किए हैं। लगभग तीन हजार मतदान केंद्रों को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया गया है और इनमें से कुछ स्थानों पर ड्रोन निगरानी समेत विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। उसने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) भी तैनात रहेंगे।

भाजपा, ‘आप’ और कांग्रेस में त्रिकोणीय मुकाबला
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं तथा 733 मतदान केंद्र खास उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के प्रयास में निर्वाचन आयोग ने एक कतार प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस) ऐप पेश किया है, जिससे मतदाता भीड़ के स्तर की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा, ‘घर से मतदान’ सुविधा के तहत 7,553 पात्र मतदाताओं में से 6,980 मतदाता पहले ही अपने वोट डाल चुके हैं। सोमवार शाम छह बजे आधिकारिक रूप से समाप्त हुए चुनाव प्रचार में तीन मुख्य दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। ‘आप’ ने अपने शासन मॉडल पर ध्यान केंद्रित किया और अरविंद केजरीवाल तथा मुख्यमंत्री आतिशी ने पूरे शहर में रैलियां कीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों और कानून-व्यवस्था के मुद्दों को लेकर ‘आप’ पर निशाना साधा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने भी जोरदार प्रचार किया और विभिन्न मुद्दों पर ‘आप’ और भाजपा दोनों पर हमला बोला।

चुनाव प्रचार के दौरान ‘‘शीश महल” विवाद, यमुना के पानी की गुणवत्ता, शासन, कानून-व्यवस्था, महिला कल्याण और मतदाता सूची से छेड़छाड़ के आरोप जैसे मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया गया। चुनाव पूर्व वादों में मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का मुद्दा भी हावी रहा। ‘आप’ ने छात्रों के लिए मुफ्त बस यात्रा, ऑटो और टैक्सी चालकों के लिए बीमा और मंदिर के पुजारियों तथा गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।

दूसरी ओर, भाजपा ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये की वित्तीय सहायता और 500 रुपये में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने 8,500 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की प्रतिबद्धता जताई है। आठ फरवरी को आने वाले चुनाव परिणामों से साफ होगा कि क्या ‘आप’ अपनी सरकार बरकरार रख पाती है, भाजपा अपनी हार का सिलसिला तोड़ पाती है या कांग्रेस कोई चौंकाने वाला नतीजा दे पाती है।

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