पड़ोसी देश नेपाल द्वारा कोसी बराज से गंडक नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिलों में बाढ़ से हालात बेकाबू हो रहे हैं। कई जिलों में हजारों की आबादी प्रभावित हुई है। आम लोगों के साथ साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में शिक्षकों की भारी फजीहत हो रही है। परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षक जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
दरअसल, नेपाल में हुई भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की नदियां उफान पर है। किरतपुर प्रखंड के जमालपुर के भूभौल गांव में देर रात कोसी के तटबंध के टूटने के बाद दर्जनो गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिससे ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित दिखने लगा है। इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें शिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर मूल्यांकन करने माथे पर कॉपी और हाथों में अपने चप्पल जूते और कंधे पर अपना पैंट रखकर स्कूल पहुंच रहे हैं।
बाढ़ ग्रस्त इलाके के तिकेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अपनी जान को जोखिम में डालकर मूल्यांकन करने अपने स्कूल निकल पड़े है। मूल्यांकन कार्य मे लगे शिक्षक अपने माथे पर जांचने वाली कॉपी और हाथों में अपने चप्पल जूते और कंधे पर अपना बैंग टांगकर जान को जोखिम में डालते हुए अपने ड्यूटी का पालन करने जाते दिख रहे है।
तस्वीरों को देखकर समझा जा सकता है शिक्षकों में विभाग के अधिकारियों का खौफ कितना ज्यादा भरा है। कमर से उपर तक इलाके में बाढ़ का पानी रहने के वावजूद माथे पर मूल्यांकन वाली कॉपी को रखकर स्कूल चल दिये है उन्हें यह भी स्कूल जाते वक्त नहीं पता था कि स्कूल में बैठने के जगह भी सुरक्षित है कि वहां भी बाढ़ के पानी ने अपना डेरा जमा लिया है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।