वॉचमैन का बेटा बना IAS अफसर, UPSC में किया कमाल, दोस्तों से किताब उधार लेकर करता था पढ़ाई

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कहते हैं ना कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है, तो कठिन से कठिन परिस्थितियां भी उसे रोक नहीं पाती हैं. यह कहावत तो हम सब ने किताबों में पढ़ी होंगी, लेकिन जब कोई असल जीवन में ऐसी नजीर पेश करता है, तब समाज को सच्ची सीख मिलती है. यही सीख देते हैं आईआरएस अधिकारी कुलदीप द्विवेदी. जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में अथक मेहनत करके आज यह मुकाम हासिल किया है.

दरअसल कुलदीप बेहद ही सामान्य परिवार से आते हैं. बचपन में उनके घर की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी. जिस वजह से उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, साथ ही खेतों में भी काम करना पड़ता था. उनके पिता की सैलरी उस समय केवल 1100 रुपए थी.

कुलदीप के 4 भाई-बहन हैं. जिनमें वे पढ़ाई लिखाई में सबसे ज्यादा आगे थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है. 2011 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वे सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. हालांकि उस समय भी उनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी, इस वजह से कई बार उन्हें किताबें उधार लेकर पढ़ाई करनी पड़ती थी.

कुलदीप द्विवेदी ने बिना कोचिंग के खुद से पढ़ाई करके यूपीएससी की तैयारी की. उन्हें सफलता मिली साल 2015 में. उन्होंने 242वीं रैंक हासिल की थी. आज वह एक आईआरएस ऑफिसर हैं.

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