बिहार सरकार के लघु जल संसाधन विभाग मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। सरकार की प्राथमिकता हर खेत को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराना है ताकि कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसान आत्मनिर्भर बन सकें।
जल-जीवन-हरियाली अभियान और हर खेत तक सिंचाई का पानी कार्यक्रम की उपलब्धियां:
2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू किए गए “जल-जीवन-हरियाली अभियान” के तहत अब तक 2217 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जिससे 2,28,225 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित हुई है। वहीं, “हर खेत तक सिंचाई का पानी” कार्यक्रम के अंतर्गत 765 योजनाओं का कार्य पूरा किया गया, जिससे 1,12,086 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता बहाल हुई है।
2025 तक हर खेत को पानी देने का लक्ष्य:
राज्य सरकार ने 2025 तक हर खेत में सिंचाई के जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल संसाधन योजनाओं के लिए 1026.87 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसी वर्ष 2331.79 करोड़ रुपये की लागत से 1516 नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे 1,87,195 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना:
सरकार निजी नलकूपों को बढ़ावा देकर किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है। अब तक 10,279 निजी नलकूपों की स्थापना की जा चुकी है, जिस पर 33.52 करोड़ रुपये का अनुदान वितरित किया गया है।
जल संसाधनों के विकास में महत्वपूर्ण परियोजनाएं:
- भागलपुर में फतेहपुर चेक डैम का निर्माण
- औरंगाबाद में चाँद विगहा चेक डैम का निर्माण
- गया में बारा बाँध (लब्जी नदी) चेक डैम सिंचाई योजना
- नालंदा में बरगाईन आहर-पईन सिंचाई योजना का जीर्णोद्धार
- कैमूर में रामपुर गांव बगही हेड से रामपुर पाली तक नहर सफाई
जल संरक्षण और सिंचाई की दिशा में बिहार सरकार का यह प्रयास राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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