वाल्मीकिनगर-बगहा सड़क पर चढ़ा पानी, सैकड़ों गांवों के लाखों लोग प्रभावित

जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से उत्तर बिहार नदियों में उफान आ गया है। कोसी, कमला, गंडक, बूढ़ी गंडक, सिकरहना व बागमती समेत सभी पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। निचले इलाके में पानी घुस जाने से 50 हजार से अधिक आबादी प्रभावित हुई है।

सुपौल कोसी में करीब छह लाख क्यूसेक पानी आने के बाद सुपौल जिले में तटबंध के अंदर बसी तीन लाख की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित हुई है। पश्चिमी कोसी तटबंध के आरडी 8 से 16 तक पानी का दबाव बना हुआ है। बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। कोसी में पानी बढ़ा तो तिलयुगा, बिहुल, खारू और जीताधार नदी भी उफना गई। कुनौली बाजार जाने वाली मुख्य सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। पश्चिम तटबंध जाने वाली सड़क पर टावर के नजदीक पानी आ गया है। इलाके के लोगों के लिए नेपाल सीमा तक जाने वाली यह मुख्य सड़क है। गैड़ा नदी उफनाने से छातापुर व त्रिवेणीगंज प्रखंड प्रभावित हुआ है। हिरहरपट्टी जाने वाली सड़क डूब गई।

सहरसा कोसी नदी में शनिवारी को भारी डिस्चार्ज के बाद जिले के चार प्रखंडों के नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर एवं सलखुआ की लगभग 33 पंचायत बाढ़ प्रभावित हुई है। लोग रविवार की सुबह तक पानी की स्थिति के बाद घर छोड़ने पर निर्णय लेंगे। इस बीच महिषी प्रखंड के दियारा इलाकों के कई गांव के निचले हिस्से, बहियार एवं कुछ ग्रामीण सड़कों पर पानी बहने लगा है। झाड़ा सहित कुछ अन्य जगहों पर पानी सड़क के आरपार बहने लगा है। सिमरी बख्तियारपुर व नवहट्टा के कई गांवों में पानी घुस गया है। डीएम व एसपी ने पूर्वी कोसी तटबंध का जायजा लेने के बाद प्रभावित पंचायतों में स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद करने का निर्देश दिया है।

अररिया जिले की बकरा,भलुआ, लोहंदरा, परमान, सिंहिया, बरजान, मशना आदि नदियां उफना गई हैं। एक दर्जन स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कई सड़कें डूब गईं। कुर्साकांटा के कई गांवों में दर्जनों परिवार के घर आंगन व दरवाजे पर पानी घुस गया है। सीओ आलोक कुमार ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन नजर बनाये हुए है। कुर्साकांटा से फारबिसगंज जाने वाली सड़क, कुआड़ी से गरैया, सोनामणि गोदाम चौक से थाना जाने वाली सड़क, सोनामणि गोदाम से जागीर परासी जाने वाली सड़क, भोड़हा से हलधर, कविलासा से रहटमीना जानेवाली सड़क, कविलासा से सौरगांव जाने वाली सड़क, मेंहदीपुर से मैगरा जाने वाली सड़क पर पानी बह रहा है।

किशनगंज नेपाल में लगातार बारिश के कारण कनकई, बूढ़ी कनकई, चेंगा व महानंदा में उफान आ गया है। जिले के तीन प्रखंडों के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। दिघलबैंक प्रखंड के सिंघमाड़ी, पत्थरघट्टी, लोहागढ़ा, धनतोला और ताराबाड़ी गांव में पानी घुसा है। यहां के लोग सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन कर रहे हैं। कोचाधामन प्रखंड के कई गांवों में पानी घुस गया है। डीएम-एसडीओ ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को सुरक्षित जगह पर लाने व भोजन आदि की व्यवस्था करने को कहा है। कैरीबीरपुर, बगलबारी, बलिया पंचायत के गांव भी जलमग्न हो गए। ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में फसले डूब गई हैं। चुरली पंचायत में कटाव हो रहा है।

पूर्णिया जिले के बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में कोसी धार के जलस्तर में वृद्धि से परेशानी बढ़ गई है। सरस्वत गांव में पुलिया के समीप मिट्टी धंसने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।

बरियाही-सरस्वती मार्ग पर आवागमन बंद हो गया। कारी कोसी में पानी बढ़ने से रूपौली प्रखंड क्षेत्र के भौआ परवल, कोयली सिमरा पूरब और पश्चिम, विजय लालगंज, विजय मोहनपुर, कांप आदि पंचायत खतरे में आ गए हैं। लोग ऊंचे स्थलों पर जाने लगे हैं। कनीय अभियंता फूलेश्वर कुमार एवं कुमारी प्रज्ञा ने चालीस आरडी नहर एवं जेबीसी आरडी का जायजा लिया तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों को कई-निर्देश भी दिए। नहरों और माइनर नहरों पर हाई अलर्ट जारी है।

खगड़िया कोसी नदी में जलस्तर वृद्धि को लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर आने का निर्देश दिया गयाहै। जिला प्रशासन ने सभी सीओ को मुखिया के साथ बैठक कर बचाव कार्य योजना बनाने को कहा है। सभी तटबंधों की कड़ी चौकसी बरतने का निर्देश दिया गया है। जिले में शनिवार को कोसी व बागमती नदी उफान पर रही। इधर, कोसी नदी में बराज से पानी छोड़े जाने की सूचना पर जिला प्रशासन के निर्देश पर शनिवार की शाम गोगरी एसडीओ सुनंदा कुमारी ने तेलिहार जमींदारी बांध का निरीक्षण किया। मौके पर एसडीओ ने कई निर्देश दिए। इंजिनियरों को एलर्ट मोड में रहने को कहा।

मुजफ्फरपुर के कटौझा से बेनीबाद तक बागमती कई जगहों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। रेवा घाट में खतरे के निशान से 1 मीटर तो लालगंज में आधा मीटर नीचे बह रही है। नदी की पेटी में रहने वालों को सुरक्षित जगह पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। बूढ़ी गंडक का जलस्तर फिलहाल नियंत्रित है।

वाल्मीकीनगर हवाई अड्डा परिसर में घुसा पानी

भारी बारिश की संभावना के बीच पूर्वी चंपारण में 29 सितंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। गंडक का पानी वाल्मीकनगर के हवाई अड्डा परिसर, चकदहवा, झंडू टोला, रोहुआ टोला सहित आधा दर्जन गांवों में घुस गया है।

अशोक स्तंभ परिसर डूबा 

लौरिया में अशोक स्तंभ परिसर में सिकरहना का पानी घुस गया है। यहां सिकरहना कटाव कर रही है। इससे अशोक स्तंभ पर खतरा मंडराने लगा है।

मधेपुरा अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

मधेपुरा कोसी में जलस्तर बढ़ते ही सिंहेश्वर के बगल से गुजरने वाली नदियां उफान पर आ गईं। सिंहेश्वर से पूरब बहने वाली करुआ धार में पानी लबालब हो गया। पश्चिम से निकलने वाली परमाने धार भी उफान पर है। उधर, संभावना जताई जा रही है कि कोसी का पानी रविवार को चौसा प्रखंड में फैलेगा। बलोरा घाट के पास अमनी बासा में रहने वाले करीब डेढ़ सौ परिवारों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा गया। सीओ शशिकांत यादव ने कहा कि निचले इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। डीएम तरनजोत सिंह ने कहा है कि सभी अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय में रहेंगे। सभी की छुट्टी रद्द कर दी गयी है।

कटिहार लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने को कहा

कटिहार जिले में महानंदा नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। अमदाबाद प्रखंड में महानंदा के जलस्तर में 61 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। पार दियारा, दुर्गापुर, भवानीपुर खट्टी, दक्षिणी करीमुल्लापुर पंचायत के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सांसद तारिक अनवर ने मनिहारी इलाके में बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया। सांसद ने एसडीएम कुमार सिद्धार्थ के साथ बैठक कर प्रभावित क्षेत्र में और अधिक सहायता पहुंचाने की सलाह दी। प्राणपुर में तटबंध के अन्दर रहने वाले ग्रामीणों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को कहा गया है। बरारी की 12 पंचायत बाढ़ प्रभावित है। सीओ मनीष कुमार ने बताया कि 34 स्थानों पर पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन बना है।

 

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