पटना: बिहार की उद्योग सचिव बंदना प्रेयसी ने गुरूवार को वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन ‘बिहार बिजनेस कनेक्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि नया अध्याय लिख रहा बिहार देश की वृद्धि का अगला इंजन बनने की राह पर है और यह अब इतिहास की धरती से उद्योग की भूमि के रूप में बदल रहा है। उद्योग सचिव ने कहा कि राज्य सरकार निवेश आकर्षित करने के लिए जल्द ही पांच नए क्षेत्रों के लिए नीतियां लेकर आएगी।
उद्योग सचिव बंदना प्रेयसी ने कहा कि राज्य सरकार कंपनियों को राज्य में विनिर्माण आधार स्थापित करने में मदद करने के लिए सभी जिलों में औद्योगिक भूमि का अधिग्रहण भी करेगी। उन्होंने उद्योग और विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम बिहार को देश की वृद्धि के अगला इंजन के रूप में देख रहे हैं।’’
उद्योग सचिव ने कहा कि बिहार को भारतीय सभ्यता का उद्गम स्थल, बौद्ध धर्म की जन्मस्थली और दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अब बिहार एक नया अध्याय लिख रहा है। बिहार इतिहास की धरती से उद्योग की धरती बन गया है।’’
प्रेयसी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बुनियादी ढांचे के साथ-साथ कानून व्यवस्था की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है। राज्य सरकार के पास पहले से ही बिहार औद्योगिक निवेश नीति, 2016 है। विकास को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्टार्टअप नीति, बिहार आईटी नीति, बिहार लॉजिस्टिक नीति, कपड़ा और चमड़ा नीति, बिहार पर्यटन नीति, निर्यात प्रोत्साहन नीति और खरीद मूल्य तरजीही नीति जैसी क्षेत्र-विशेष की कुछ विशिष्ट नीतियां भी हैं। ये नीतियां बहुत उदार हैं और उद्योग ने भी इसकी सराहना की है।उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही अन्य क्षेत्र-विशेष से जुड़ी नीतियां लेकर आ रहे हैं। इनमें बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2024, औषधि प्रोत्साहन नीति 2024, प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति, 2024, जैव ईंधन उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2024, और लकड़ी आधारित उद्योग नीति, 2024 शामिल हैं।’
सचिव ने कहा कि राज्य ने उद्योग लगाने के लिए 3,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र का भूमि बैंक बनाया है। बिहार लगभग 24 लाख वर्ग फुट ‘प्लग एंड प्ले शेड’ यानी उद्योग के लिए पूरी तरह से तैयार क्षेत्र की पेशकश भी कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अब बिहार के हर जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है।’’
प्रेयसी ने औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सरकार भूमि बदलाव शुल्क और स्टांप शुल्क में राहत के अलावा ब्याज सहायता और कर प्रोत्साहन भी दे रही है। इसके अलावा, अगर निवेश प्रस्ताव 500 करोड़ रुपये से अधिक है तो सरकार कंपनी के हिसाब से ‘प्रोत्साहन पैकेज’ भी देती है।