जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया है। 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। यह हमला पर्यटकों पर तब किया गया, जब वे पहलगाम की वादियों में छुट्टियां मना रहे थे। घटनास्थल से मिली तस्वीरें और वीडियो भयावह हैं। अब इस हमले से जुड़ी एक पीड़िता की आपबीती सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसने देश की रूह कंपा दी है।
‘मैंने अपने पति को अपनी आंखों के सामने मरते देखा’
कर्नाटक के शिमोगा की रहने वाली पल्लवी अपने पति मंजूनाथ और बेटे के साथ पहलगाम घूमने आई थीं। पल्लवी ने बताया कि वे बैसरन के रास्ते में थे, तभी अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई। “मेरे पति मेरे सामने जमीन पर गिर पड़े। मुझे लगा मैं कोई बुरा सपना देख रही हूं। गोलियां चल रही थीं, चीख-पुकार मची थी, और चार आतंकी हमारे सामने थे,” पल्लवी ने बताया।
‘जाओ, मोदी को बता देना’ – आतंकी ने कहा
इस घटना की सबसे विचलित कर देने वाली बात यह थी कि जब पल्लवी ने आतंकियों से कहा, “मुझे भी मार दो, अब मैं किसके लिए जिऊंगी?”, तो उनमें से एक आतंकी बोला – “तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो…”।
यह बयान अपने आप में एक गहरी राजनीतिक और आतंकी मानसिकता को उजागर करता है – जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर एक संदेश देना चाहा गया है।
पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने जताया शोक, कार्रवाई के संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और अपने X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में कहा:
“मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। जो घायल हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तत्काल श्रीनगर पहुंच चुके हैं और सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। संकेत हैं कि सरकार इस हमले के जवाब में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
देश भर में आक्रोश, आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम की मांग
इस घटना ने देशभर में शोक और आक्रोश की लहर फैला दी है। सोशल मीडिया पर #PahalgamAttack ट्रेंड कर रहा है। आमजन और नेता दोनों आतंकवाद के खिलाफ कठोरतम कदम की मांग कर रहे हैं।
यह घटना सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना पर हमला है। सवाल यह नहीं कि कितने मरे – सवाल यह है कि आखिर कब तक निर्दोष नागरिक आतंक का शिकार बनते रहेंगे?