लू और चिलचिलाती धूप से परेशान बिहारवासियों को अब मौसम राहत देने वाला है। बीते कई दिनों से तपती गर्मी और शुष्क हवाओं के बीच लोग बेचैनी महसूस कर रहे थे, लेकिन अब मौसम का मिजाज बदल रहा है। रविवार रात से ही हल्की ठंडक और तेज़ हवाओं की दस्तक ने गर्मी से राहत के संकेत दे दिए हैं।
मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के 32 जिलों में येलो अलर्ट जारी करते हुए 7 से 12 अप्रैल तक आंधी, वज्रपात और बारिश की चेतावनी दी है। मौसम के इस बदलाव से तापमान में थोड़ी गिरावट तो आएगी, लेकिन बढ़ती नमी के कारण कुछ इलाकों में उमस भी महसूस की जा सकती है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और किसानों को अपनी योजनाएं मौसम के अनुसार तय करने की सलाह दी है।
32 जिलों में IMD का येलो अलर्ट, तेज़ आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पटना कार्यालय ने राज्य के 32 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इसके अनुसार, इन इलाकों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवा चलने की संभावना है, साथ ही मेघगर्जन और वज्रपात की भी चेतावनी दी गई है।
इन जिलों में बारिश के आसार, बिजली गिरने का भी खतरा
7 अप्रैल को जिन जिलों में बारिश और तेज़ हवाओं का असर देखा जा सकता है, उनमें पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, सिवान, सारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, वैशाली, समस्तीपुर, पटना, बेगूसराय, नालंदा और दरभंगा शामिल हैं। वहीं किशनगंज, अररिया और सुपौल जैसे जिलों में तेज़ हवाओं के साथ वज्रपात की आशंका प्रबल बताई गई है।
सक्रिय है चक्रवाती सिस्टम, पश्चिमी विक्षोभ भी डालेगा असर
- पूर्वी बिहार और इसके आस-पास के इलाकों में एक ऊपरी हवा का चक्रवात और द्रोणिका सक्रिय है, जिसकी वजह से बारिश की स्थिति बनी हुई है।
- साथ ही बंगाल की खाड़ी में बने एक और सिस्टम का भी असर दिखने लगा है।
- मौसम विभाग का कहना है कि 8 अप्रैल से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करेगा, जिसका प्रभाव बिहार तक पहुंचेगा।
तापमान में गिरावट, पर नमी से उमस बनी रहेगी
बारिश के चलते प्रदेश के तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की जा सकती है। ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
हालांकि वातावरण में नमी के कारण उमस अभी भी बनी रह सकती है।
लोगों से सतर्कता बरतने की अपील, किसानों को सलाह
आईएमडी ने जनता से अपील की है कि मौसम के बिगड़ने की स्थिति में बिना ज़रूरत बाहर न निकलें, और वज्रपात के दौरान खुले मैदान या पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें।
किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि वे अपनी खेती-किसानी की योजना मौसम के अनुसार बनाएं, ताकि किसी नुकसान से बचा जा सके।