जातीय गणना के सहारे क्या करना चाह रहे लालू-नीतीश? जानें प्रशांत किशोर ने क्या कहा
बिहार में जाति गणना होगी. पटना हाईकोर्ट की ओर से मंगलवार (1 अगस्त) को इस पर फैसला आया है. अलग-अलग राजनीतिक दल के नेता इस पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं. इस बीच जाति गणना को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांति किशोर का भी बड़ा बयान सामने आ गया है. इस पर बयान देते हुए पीके ने इसके पीछे की वजह बताई।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं शुरुआती दौर से कहता आ रहा हूं कि सबसे पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से पूछा जाना चाहिए कि जातीय गणना का कानूनी आधार क्या है? आज ये आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए सर्वे करवा रहे हैं. जातीय गणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है. इन नेताओं को कोई जातीय गणना नहीं करवानी है।
नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता खुद सोच कर देखे कि इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं इसके बाद भी उन्होंने आज तक जातीय गणना क्यों नहीं करवाई? आरजेडी की सरकार थी, लालू यादव खुद 15 साल सरकार में थे, क्यों नहीं कराई गई जातीय गणना? आज इन्हें ज्ञात हो रहा है? सच्चाई तो यह है कि इलेक्शन आने वाला है और कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है तो बाप-बाप कर रहे हैं. आज ये समाज को बांटने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा इनकी कोई मंशा नहीं है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.