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किशोर कुणाल के साथ आखिर हुआ क्या, किस बीमारी से थे पीड़ित, क्यों नहीं जा रहे थे दो दिनों से महावीर मंदिर, जानिए सब कुछ

पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का रविवार सुबह निधन हो गया. 74 वर्षीय किशोर कुणाल ने आईपीएस सेवा के साथ ही धार्मिक क्षेत्र में एक मिसाल कायम की थी. उनके निधन को लेकर कहा जा रहा है कि अचानक आए हृदयाघात के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी मौत हो गई.

हालाँकि किशोर कुणाल के स्वास्थ्य को लेकर अन्य प्रकार के दावे भी किए गये हैं. सूत्रों के अनुसार वे पिछले कुछ दिनों से खांसी-बुखार से भी पीड़ित थे. यहाँ तक कि वे पिछले दो दिनों से मंदिर भी नहीं जा रहे थे. वहीं तीन दिन पहले वात्सल्य मीटिंग भी शामिल हुए थे.

बोलने में तकलीफ !

सूत्रों का कहना है कि एक दिन पहले किशोर कुणाल को बोलने में भी दिक्कत आई थी. शनिवार को बात करने में उन्हें कुछ परेशानी महसूस हुई थी. इसके बाद वे मैसेज से ही बात कर रहे थे. वहीं शनिवार मध्य रात्रि के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी तो रात्रि करीब पौने दो बजे उन्हें महावीर वात्सल्य ले जाया गया. निकटस्थों की मानें तो उन्हें रविवार तड़के अचानक से हार्ट अटैक आया जिसके बाद उनका निधन हो गया.

पिछले साल हुआ था निमोनिया

महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव किशोर कुणाल की तबीयत सितम्बर 2022 में भी अचानक खराब हो गई थी. उस समय उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में दाखिल कराया गया है. तब उन्हें  उन्हें निमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था.  किशोर कुणाल का हाल जानने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मेदांता अस्पताल गए थे.

बता दें कि, किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गाँव में हुई । फिर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में इतिहास और संस्कृत का अध्ययन किया।1970 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में अपने करियर के मध्य में उन्होंने मास्टर डिग्री के लिए भी अध्ययन किया। जिसे उन्होंने 1983 में प्राप्त किया।

1983 में बने थे पटना के एसएसपी

1972 में कुणाल गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए । उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए। 1983 में अपने मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुणाल को पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया । 2001 में कुणाल ने स्वेच्छा से भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। किशोर कुणाल महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना के सचिव भी थे और इससे पहले महावीर आरोग्य संस्थान के सचिव थे। जिसमें वे गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार से जुड़े थे। उन्होंने पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की।

उनके सचिवत्व में महावीर मंदिर का हुआ था जीर्णोद्धार

कुणाल पटना के महावीर मंदिर के सचिव भी थे। उनके सचिवत्व में महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू हुआ और इसका उद्घाटन 4 मार्च 1985 को हुआ। महावीर ट्रस्ट ने बाद में महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की। समिति कंकरबाग में महावीर आरोग्य संस्थान नामक एक अन्य अस्पताल भी चलाती है और इसके परिसर में महावीर नेत्रालय की स्थापना की गई है जो आंखों की समस्याओं से पीड़ित लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। मंदिर ने पहले ही चार बड़े अस्पताल स्थापित किए हैं और जरूरतमंद लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।


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