हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी को लगातार तीसरी बार मिली जीत की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देगी। निश्चित तौर पर हरियाणा में बीजेपी की जीत का असर व्यापक है। 10 साल की सत्ता विरोधी लहर के बावजूद हरियाणा में तीसरी बार जीत जाना बीजेपी के लिए बूस्टर डोज है। बीजेपी की इस जीत का असर एनडीए में भी दिखेगा। खासतौर पर बिहार में नीतीश कुमार और चिराग पासवान पर सबकी नजरें रहेंगी।
नीतीश ने दी बधाई, पीएम को किया फोन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 अक्टूबर की शाम को नतीजे क्लियर होने के बाद पहले ट्वीट कर पीएम मोदी को बधाई दी और फिर 9 अक्टूबर की सुबह प्रधानमंत्री को फोन करके अपनी शुभकामना प्रेषित की। नीतीश कुमार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने पर भारतीय जनता पार्टी को बधाई एवं शुभकामनाएं। हरियाणा की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व पर अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है।
वहीं चिराग पासवान ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की और पार्टी को जीत की बधाई दी। चिराग ने कहा कि बीजेपी की जीत किसान, नौजवान और संविधान की जीत है। हरियाणा की महान जनता ने लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जनादेश देकर यह साबित कर दिया है कि विपक्ष का दुष्प्रचार अब चलने वाला नहीं है।
मोदी मैजिक की चमक बरकरार
नीतीश कुमार और चिराग की सक्रियता को देखें तो उन्हें समझ आ गया है कि मोदी मैजिक की चमक फीकी नहीं पड़ी है और पीएम मोदी की लीडरशिप किसी भी चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ सकती है। बीजेपी की इस जीत से नीतीश कुमार के बार-बार पाला बदलने की चर्चाओं पर भी विराम लगेगा। बीजेपी ने सबसे ज्यादा सत्ता विरोधी लहर वाले राज्य में जीत हासिल करके बता दिया है कि वह किसी भी स्थिति में चुनाव परिणाम को अपने पक्ष में करने के लिए आखिरी दम तक लड़ती है।
बीजेपी की हरियाणा में जीत का पहला असर झारखंड में दिख सकता है। राज्य विधानसभा चुनाव में एनडीए की पार्टियां पूरी ताकत से सियासी मैदान में उतरेगी और तमाम मुद्दों पर बीजेपी से अलग स्टैंड लेने की प्रवृत्ति में बदलाव देखने को मिल सकता है। बीते चार महीनों में चिराग पासवान और नीतीश कुमार ने तमाम मुद्दों पर बीजेपी से अलग स्टैंड लिया था। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का पार्टियां जातीय जनगणना, लेटरल एंट्री जैसे मुद्दों पर बीजेपी की लाइन को फॉलो करती है या अपना राग अलापती हैं।