ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुंडली में ग्रह व्यवस्थित तरीके से रहे तो जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती है। वहीं यदि कुंडली में दोष होते हैं, जातक का जीवन तबाह हो जाता है। मान्यता है कि जातक की कुंडली में मांगलिक दोष बहुत ही महत्वपूर्ण कारक माना गया है। इस दोष से जातक के वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है। मांगलिक दोष कुजा दोष या मंगल दोष के रूप में भी जाना जाता है।
मान्यता है कि जब जातक की कुंडली में मंगल ग्रह का जन्म कुछ निश्चित स्थितियों में होता है, तो मंगल दोष होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस जातक की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, उसके वैवाहिक जीवन में कई सारी चुनौतियां सामने आने लगती है। इसके साथ ही व्यक्ति परेशान हो जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि मांगलिक दोष क्या है और इसका प्रभाव क्या होता है। आइए विस्तार से जानते हैं।
मंगल दोष क्या है (Mangal Dosh)
वैदिक शास्त्र के अनुसार, मंगल दोष का संबंध मंगल ग्रह से होता है। मान्यता है कि मंगल ग्रह उग्र और आक्रामक ग्रह माना जाता है। कहा जाता है कि जिस जातक की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, उस जातक को मंगल की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही व्यक्ति के विवाह और जीवन साथी को प्रभावित भी करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मांगलिक दोष को पता लगाने के लिए विभिन्न तरीके होते हैं। जब कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में होता है तब कुंडली में मांगलिक दोष होता है। इसके साथ ही चंद्रमा या अन्य ग्रहों के संबंध में कुछ विशिष्ट स्थितियों में मंगल का स्थान भी मांगलिक दोष होता है।
मांगलिक दोष का प्रभाव (Mangal Dosh Effects)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, व्यक्ति के शादी करने में दिक्कत होता है। इसके साथ ही जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। कहा जाता है कि जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है उसके वैवाहिक जीवन तबाह हो जाता है। यहां तक की तलाक होने का नौबत आ जाता है।