क्या है 30 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
हिंदू पंचांग का धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक जीवन में अत्यधिक महत्व है. यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों की तिथियाँ निर्धारित करता है, बल्कि शुभ मुहूर्त, कृषि, वैदिक ज्योतिष, और दैनिक जीवन की गतिविधियों में भी।
आज का पंचांग – 30 मई 2024 गुरुवार वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज धनिष्ठा नक्षत्र है. धनिष्ठा नक्षत्र, जिसे अश्लेषा नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है, ज्योतिष में 28 नक्षत्रों में से 18वां नक्षत्र है. यह नक्षत्र कर्क राशि के अंतिम 2 चरणों और सिंह राशि के पहले 2 चरणों में फैला हुआ है. इस नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है. धनिष्ठा नक्षत्र का वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व है. इसके जातक मेहनती, दृढ़ निश्चयी, और ऊर्जावान होते हैं. ये अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों का पालन करके धनिष्ठा नक्षत्र के जातक अपने जीवन को और भी अधिक सफल और संतुलित बना सकते हैं. “पंचांग” शब्द संस्कृत के “पंच” (पाँच) और “अंग” (अंश या भाग) से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “पाँच अंगों वाला.” यह पांच मुख्य घटकों पर आधारित होता है: तिथि, वार, नक्षत्र, योग, और करण. ये घटक दिन का शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने में मदद करते हैं.
आज का पंचांग
तिथि- सप्तमी – 11:46:17 तक
नक्षत्र- धनिष्ठा – 07:31:53 तक
करण- बव – 11:46:17 तक, बालव – 22:44:35 तक
पक्ष- कृष्ण
योग- वैधृति – 20:52:16 तक
वार- गुरूवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय05:23:52
सूर्यास्त19:13:41
चन्द्र राशिकुम्भ
चन्द्रोदय30:02:00
चन्द्रास्त11:41:59
ऋतुग्रीष्म
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5130
प्रविष्टे / गत्ते- 17
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
मास अमांत- वैशाख
दिन काल- 13:49:48
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 10:00:29 से 10:55:48 तक, 15:32:24 से 16:27:43 तक
कुलिक- 10:00:29 से 10:55:48 तक
कंटक- 15:32:24 से 16:27:43 तक
राहु काल- 14:02:30 से 15:46:13 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 17:23:02 से 18:18:21 तक
यमघण्ट- 06:19:12 से 07:14:31 तक
यमगण्ड- 05:23:52 से 07:07:36 तक
गुलिक काल- 08:51:19 से 10:35:03 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:51:07 से 12:46:26 तक
दिशा शूल- दक्षिण
हिंदू धार्मिक त्योहारों और अनुष्ठानों की तारीखों का निर्धारण करना, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त का चयन करना और दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए पंचांग देखा जाता है. इसके अलावा कृषि और व्यवसाय के लिए उचित समय का निर्धारण करना और ज्योतिष और कुंडली निर्माण के लिए भी हिंदू पंचांग देखा जाता है.
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