हिंदू पंचांग का धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक जीवन में अत्यधिक महत्व है. यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों की तिथियां निर्धारित करता है, बल्कि शुभ मुहूर्त भी है.
आज का पंचांग – 31 मई 2024 शुक्रवार वैशाख कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज शतभिषा नक्षत्र है. शतभिषा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है. यह नक्षत्र कुम्भ राशि में आता है और इसका स्वामी ग्रह राहु है. शतभिषा का अर्थ है “सौ चिकित्सक” या “सौ चिकित्सकों का समूह,” जो इसे उपचार और चिकित्सा से संबंधित बनाता है. शतभिषा नक्षत्र के जातक रहस्यमयी, गहन विचारशील और विश्लेषणात्मक होते हैं. इन्हें अपने जीवन में गोपनीयता पसंद होती है और ये अक्सर अपने अंदर की भावनाओं और विचारों को प्रकट नहीं करते. ये लोग चिकित्सा, अनुसंधान, ज्योतिष, और विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखते हैं. शतभिषा नक्षत्र का वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व है. इसके जातक रहस्यमयी, विश्लेषणात्मक, और चिकित्सा तथा अनुसंधान में रुचि रखने वाले होते हैं. ये अपने कार्यक्षेत्र में गहनता और अनुसंधान की गहराइयों तक जाने के लिए जाने जाते हैं. धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों का पालन करके शतभिषा नक्षत्र के जातक अपने जीवन को और भी अधिक सफल और संतुलित बना सकते हैं.
आज का पंचांग
तिथि- अष्टमी – 09:40:38 तक
नक्षत्र- शतभिषा – 06:14:33 तक, पूर्वाभाद्रपद – 28:48:51 तक
करण- कौलव – 09:40:38 तक, तैतिल – 20:34:39 तक
पक्ष- कृष्ण
योग- विश्कुम्भ – 18:03:52 तक
वार- शुक्रवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं
सूर्योदय- 05:23:39
सूर्यास्त- 19:14:11
चन्द्र राशि- कुम्भ – 23:10:57 तक
चन्द्रोदय- 31:34:59
चन्द्रास्त- 12:46:59
ऋतु- ग्रीष्म
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत- 1946 क्रोधी
विक्रम सम्वत- 2081
काली सम्वत- 5131
प्रविष्टे / गत्ते- 18
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
मास अमांत- वैशाख
दिन काल- 13:50:32
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त- 08:09:45 से 09:05:07 तक, 12:46:36 से 13:41:58 तक
कुलिक- 08:09:45 से 09:05:07 तक
कंटक- 13:41:58 से 14:37:20 तक
राहु काल- 10:35:06 से 12:18:55 तक
कालवेला / अर्द्धयाम- 15:32:43 से 16:28:05 तक
यमघण्ट- 17:23:27 से 18:18:49 तक
यमगण्ड- 15:46:33 से 17:30:22 तक
गुलिक काल- 07:07:28 से 08:51:17 तक
शुभ समय (शुभ मुहूर्त)
अभिजीत- 11:51:14 से 12:46:36 तक
दिशा शूल- पश्चिम
हिंदू धार्मिक त्योहारों और अनुष्ठानों की तारीखों का निर्धारण करना, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त का चयन करना और दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए पंचांग देखा जाता है. इसके अलावा कृषि और व्यवसाय के लिए उचित समय का निर्धारण करना और ज्योतिष और कुंडली निर्माण के लिए भी हिंदू पंचांग देखा जाता है.