क्या है 7 जून 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

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पंचांग एक हिन्दू कालदर्शक है जिसमें समय के हिन्दू ईकाइयों (वार, तिथि, नक्षत्र, करण, योग आदि) का उपयोग होता है. यह सारणी या तालिका के रूप में महत्वपूर्ण सूचनाएँ अंकित होतीं हैं जिनकी अपनी गणना पद्धति है.

आज का पंचांग – 7 जून 2024 शुक्रवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज मृगशिरा नक्षत्र है. ‘पञ्चाङ’ का शाब्दिक अर्थ है, “पाँच अङ्ग” (पञ्च + अङ्ग). अर्थात पञ्चाङ्ग में वार, तिथि, नक्षत्र, करण, योग – इन पाँच चीजों का उल्लेख मुख्य रूप से होता है. इसके अलावा पञ्चाङ से प्रमुख त्यौहारों, घटनाओं (ग्रहण आदि) और शुभ मुहुर्त का भी जानकारी होती है. मृगशिरा नक्षत्र, वैदिक ज्योतिष में पांचवां चंद्र नक्षत्र, वृषभ राशि के 23°20′ से मिथुन राशि के 6°40′ तक फैला हुआ है. इसे ओरियन नक्षत्र द्वारा दर्शाया जाता है और इसका प्रतीक एक हिरण का सिर है, जो इसकी जिज्ञासा और बेचैनी को दर्शाता है. मृगशिरा का अधिपति देवता सोम, चंद्र देव हैं, जो इस नक्षत्र को कोमल, पोषणकारी और आत्मविश्लेषण की प्रकृति से भरपूर बनाते हैं.

 

मृगशिरा नक्षत्र होता है जिनका जन्म 

मृगशिरा में जन्मे व्यक्ति अपने जिज्ञासु मन और ज्ञान की प्यास के लिए जाने जाते हैं. उनके पास एक आकर्षक और चंचल स्वभाव होता है, जिसे अक्सर फुर्तीले और सुंदर हिरण से तुलना की जाती है. ये जातक अनुकूलनशील, चतुर और संसाधनयुक्त होते हैं, और ऐसे वातावरण में फलते-फूलते हैं जो उनकी बौद्धिक और रचनात्मक क्षमताओं को प्रोत्साहित करता है. मृगशिरा के जातक सौंदर्य और सौंदर्यानुभूति की खोज में भी अग्रणी होते हैं. उनके पास कला, संगीत और प्रकृति के प्रति गहरी प्रशंसा होती है. हालांकि, उनकी बेचैन और जिज्ञासु प्रकृति कभी-कभी उन्हें असमंजस और भौतिक तथा मानसिक रूप से भटकने की प्रवृत्ति की ओर ले जा सकती है.

आज का पंचांग

तिथि- प्रतिपदा – 16:47:29 तक

नक्षत्र- मृगशिरा – 19:43:45 तक

करण- किन्स्तुघ्ना – 05:24:54 तक, बव – 16:47:29 तक

पक्ष- शुक्ल

योग- शूल – 20:04:10 तक

वार- शुक्रवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं

सूर्योदय- 05:22:39

सूर्यास्त- 19:17:31

चन्द्र राशि- वृषभ – 07:56:49 तक

चन्द्रोदय- 05:37:59

चन्द्रास्त- 20:29:00

ऋतु- ग्रीष्म

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1946   क्रोधी

विक्रम सम्वत- 2081

काली सम्वत- 5125

प्रविष्टे / गत्ते- 25

मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ

मास अमांत- ज्येष्ठ

दिन काल- 13:54:52

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त- 08:09:37 से 09:05:16 तक, 12:47:54 से 13:43:34 तक

कुलिक- 08:09:37 से 09:05:16 तक

कंटक- 13:43:34 से 14:39:13 तक

राहु काल- 10:35:43 से 12:20:04 तक

कालवेला / अर्द्धयाम- 15:34:53 से 16:30:32 तक

यमघण्ट- 17:26:12 से 18:21:51 तक

यमगण्ड- 15:48:47 से 17:33:09 तक

गुलिक काल- 07:07:00 से 08:51:22 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत- 11:52:15 से 12:47:54 तक

दिशा शूल

दिशा शूल- पश्चिम

हिंदू धार्मिक त्योहारों और अनुष्ठानों की तारीखों का निर्धारण करना, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त का चयन करना और दैनिक जीवन में शुभ और अशुभ समय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए पंचांग देखा जाता है.

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