UPSC कोचिंग में स्टूडेंट्स की मौत का सच क्या? छात्रों के दावे से उठे नए सवाल; आखिर कितनों की गई जान?
दिल्ली के राजेंद्र नगर में UPSC कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने की वजह से तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई है। मरने वालों में दो छात्राएं हैं जबकि एक छात्र है। लेकिन इस मामले में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के दावे से नए सवाल खड़े हो गए हैं। ANI से बातचीत में एक प्रदर्शनकारी ने दावा किया है कि बेसमेंट में पानी भरने की वजह से 8 से 10 लोगों की मौत हुई है।
एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘डिजास्टर मैनेजमेंट के लोगों ने मुझे बताया है कि 8 से 10 लोगों की मौत हुई है। एमसीडी कह रही है कि ये आपदा है, लेकिन मैं कहूंगा कि ये लापरवाही है। आधे घंटे में घुटनों तक पानी भर गया था। आपदा कभी कभार होती है। मेरे मकान मालिक ने कहा कि वह पिछले 10 से 12 दिन से स्थानीय पार्षद से नालों की सफाई कराने को कह रहा था।’
#WATCH | Old Rajender Nagar incident | Delhi: "MCD says it is a disaster but I would say that this is complete negligence. Knee-deep water gets logged in half an hour of rain. Disaster is something that happens sometimes. My landlord said that he had been asking the councillor… pic.twitter.com/W4fhem3lE6
— ANI (@ANI) July 28, 2024
प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि हमारी पहली मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रशासन तत्काल यह स्पष्ट करे कि कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं? डिजास्टर मैनेजमेंट के लोगों ने हमें बताया है कि 8 से 10 लोगों की जान गई है। मरने वाले छात्रों की पहचान नवीन, श्रेया और तानिया के रूप में हुई है।
मरने वाले छात्रों में 28 वर्षीय नवीन डालविन केरल के रहने वाले थे। वहीं श्रेया यादव की उम्र 25 साल थी, जबकि 25 वर्षीय तानिया सोनी के पिता का नाम विजय कुमार है। तीनों छात्रों का 28 जुलाई को सुबह 10.30 बजे के करीब पोस्टमार्टम होगा। श्रेया यादव के पिता का नाम राजेंद्र यादव है। श्रेया ने जून-जुलाई 2024 में कोचिंग संस्थान में एडमिशन लिया था। श्रेया अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी।
आतिशी मार्लेना ने किया जांच का ऐलान
घटना से आक्रोशित स्टूडेंट्स का प्रदर्शन जारी है। उधर घटना के बाद से रेस्क्यू और सर्च अभियान अब तक जारी है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना के मामले में मजिस्ट्रेस्ट से जांच कराने के आदेश पर छात्रों ने कहा कि कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार का कोई आदमी यहां आए और जान गंवाने वाले सभी छात्रों की जिम्मेदारी ले। एसी कमरों में बैठकर ट्वीट करने और लेटर लिखने से किसी के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। प्रदर्शनकारी एक छात्र ने कहा कि 80 प्रतिशत लाइब्रेरी बेसमेंट में है। 10 मिनट की बारिश में पानी भर जाता है। एमसीडी कोई एक्शन नहीं लेती है।
13 से 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
दिल्ली पुलिस के डीसीपी सेंट्रल एम. हर्षवर्धन ने कहा कि मामले में क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है। फोरेंसिक टीम मौके पर हैं। व्यापक जांच के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। सच्चाई सामने लाने के लिए सख्त मामला दर्ज किया जाएगा। अभी तक दो लोगों को डिटेन किया गया है।
डीसीपी सेंट्रल ने कहा कि एनडीआरएफ ने तीन शव बरामद किए हैं। तीनों शवों को कानूनी कार्रवाई के लिए भेजा गया है। पानी निकालने का काम लगातार जारी है। ऑपरेशन अब अपने अंतिम दौर में है। फंसे हुए छात्रों को निकाल लिया गया है। तीन को अस्पताल भेजा गया है। तीन शवों के अलावा 13 से 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
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