बिहार की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेता व पटना मेयर के पुत्र पर करप्शन के गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप किसी सामान्य आदमी ने नहीं नहीं, बल्कि नीतीश सरकार के आईएएस अधिकारी सह पटना नगर निगम के कमिश्नर ने लगाया. बजाप्ता मीडिया को इस बारे में जानकारी दी गई कि मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. मेयर पुत्र की वसूली से त्रस्त नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से भी गुहार लगाई है. वसूली की खबर जब मीडिया के माध्यम से आम जनता तक पहुंची, इसके बाद मेयर पुत्र आगबबूला हो गए। हद तो तब हो गई जब, मेयर पुत्र सह भाजपा नेता ने अपनी ही पार्टी के विधायक व नगर विकास मंत्री नितिन नवीन पर गंभीर आरोप लगा दिए. इसके बाद भी बिहार बीजेपी ने प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिशिर कुमार पर कोई एक्शन नहीं लिया. जबकि भाजपा अपने आप को सबसे अलग पार्टी बताते नहीं थकती. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजद को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ने वाली बीजेपी, 18 दिनों बाद भी इस मसले पर चुप है.
नगर निगम कमिश्नर ने 28 जनवरी को मेयर पुत्र सह भाजपा नेता की खोली थी पोल
पटना नगर निगम आयुक्त कार्यालय की ओर से मीडिया को जानकारी दी गई थी कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम से बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है. नगर आयुक्त कार्यालय के मुताबिक वेंडरों को एक्सटेंशन के संबंध में पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था, परंतु इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. नगर निगम प्रशासन की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक मेयर के बेटे ने वेंडरों से इस अवैध राशि की माँग की गई. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
नगर निगम में लूट की बानगी
पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले यही समिति करती है लेकिन बैठक ही नहीं की जा रही है. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित हो रहा है.
कई अहम काम रुका
नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.
राज्य सरकार खुद कराए काम
नगर आयुक्त कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस संबंध में नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि अब से किसी एजेंसी को टेंडर में ही कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. पटना नगर निगम में अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार विभाग को दिया जा रहा है.
इस संबंध में नगर आयुक्त द्वारा पत्र लिखकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. दरअसल नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.
मेयर पुत्र सह भाजपा नेता ने सफाई में क्या कहा था….
पटना नगर निगम के कमिश्नर द्वारा मेयर पुत्र की पोल खोलने के बाद शिशिर कुमार ने इस पर सफाई दी थी. तब उन्होंने कहा था कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसका सबूत दें. अधिकारी बोल रहे थे कि पार्किंग के काम में फोन कर रूकवाया गया है. मैं नगर निगम के काम में हस्तक्षेप नहीं करता हूं. मेरा फोन नंबर की जांच करा लें. जहां तक एक्सटेंशन दिए जाने की बात है, इस संबंध में जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से गलत है.