बिहार में मंत्रिमंडल का एक और विस्तार अपेक्षित है. मंत्रिमंडल विस्तार से पहले एनडीए अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है. महागठबंधन के तीन विधायकों ने पाला बदल लिया है और वह भाजपा खेमे में आ गए हैं. सवाल यह उठता है कि एनडीए में आने वाले विधायकों का राजनीतिक भविष्य क्या है ?
महागठबंधन के तीन बागी विधायक: राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक और कांग्रेस के दो विधायकों ने महागठबंधन छोड़ने का फैसला लिया है और वह सत्ता पक्ष की ओर आ गए हैं. पाला बदलने वालों में कांग्रेस पार्टी विधायक सिद्धार्थ सौरव और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम का नाम शामिल है. इसके अलावा मोहनिया से राष्ट्रीय जनता दल विधायक संगीता कुमारी भी एनडीए में आ चुकी हैं।
मुरारी गौतम के मंत्री बनने की चर्चा: बता दें कि चिनारी से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री मुरारी गौतम ने पाला बदला है. मुरारी गौतम पूर्व के सरकार में भी मंत्री थे और मिल रही जानकारी के मुताबिक एनडीए सरकार में भी मुरारी गौतम को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि मुरारी गौतम सासाराम सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
कांग्रेस के दूसरे बागी विधायक: दूसरी बार कांग्रेस पार्टी के विक्रम विधायक सिद्धार्थ सौरव पिछले एक महीने से सुर्खियों में हैं. विधायकों को जब हैदराबाद ले जाया गया था, तब भी सिद्धार्थ हैदराबाद नहीं गए थे. तभी से इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि सिद्धार्थ पाल बदल सकते हैं. आखिरकार सिद्धार्थ ने भी पाला बदल लिया और वह एनडीए खेमे में आ गए. सिद्धार्थ जहानाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, अगर लोकसभा टिकट के मसले पर सहमति नहीं बन पाती है तो इन्हें भी बिहार सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
राजद से संगीता कुमारी का मोह भंग: संगीता कुमारी दलित समुदाय से आती हैं और मोहनिया सुरक्षित क्षेत्र से विधायक हैं. संगीता कुमारी राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव जीती थी, लेकिन अब राष्ट्रीय जनता दल से उनका मोह भंग हो गया है. संगीता कुमारी की महत्वाकांक्षा भी सासाराम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की है।