शिखर धवन और आयशा के तलाक को कल कोर्ट से मंजूरी मिल गई, इसी के साथ दोनों की राह अलग हो गईं हैं। लेकिन एक सवाल सभी के दिमाग में चल रहा है कि बेटे जोरावर का क्या होगा? किसके पास बेटे की कस्टडी होगी? भारत में इसे लेकर नियम क्या हैं? साथ में फैमिली कोर्ट की तरफ से आयशा को क्या आदेश दिए गए हैं? चलिए एक-एक करके सभी आपके सवालों को क्लियर करते हैं।
कोर्ट की तरफ से आयशा को दिए ये आदेश
कोर्ट ने कल कहा कि आयशा ने जो भी आरोप लगाए वो उन्हें प्रूफ नहीं कर पाईं। साथ में ये भी पाया गया कि शिखर धवन को उनके बेटे से अलग रखा गया। जोकि मानसिक तौर पर परेशान करने की कैटेगरी में आता है। इसलिए शिखर फिलहाल अपने बेटे से वीडियो कॉल के साथ, साल में एक बार अपने साथ रख सकते हैं।
भारत में कस्टडी को लेकर नियम क्या हैं?
बच्चे की कस्टडी को लेकर नियम की बात करें तो कोर्ट ये देखती है कि मां-बाप में से कौन बच्चे की परवरिश अच्छे से कर सकते हैं। जो भी अच्छे से कर पाएं कोर्ट वहीं रुख करती है। साथ में बच्चे से भी पूछ जाता है कि उसका मन क्या कहता है। हालांकि कस्टडी के मामले कई सालों तक चलते हैं इसलिए शुरू में कोर्ट मां को बच्चे की कस्टडी दे देती है।
बेटे जोरावर का क्या होगा? (Dhawan Ayesha Divorce)
अब आते हैं अपने बड़े सवाल पर कि आखिर बेटे जोरावर का क्या होगा? दरअसल अभी के लिए जोरावर मां आयशा के साथ रहेगा। लेकिन धवन को मिलने से आयशा रोक नहीं सकती हैं। अगर आगे के समय में धनम ये सिद्ध कर देते हैं कि जोरावर की परवरिश ठीक से नहीं हो पा रही है तो कोर्ट धवन को कस्टडी दे सकती है।