पूर्णिया लोकसभा सीट से इस बार निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पप्पू यादव पर मतगणना के छह दिन बाद ही बड़ा आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया है. पप्पू यादव पर एक करोड़ रंगदारी मांगने और नहीं देने पर जान से मार देने की धमकी के मामले में पूर्णिया के मुफस्सिल थाने में सोमवार (10 जून) को फर्नीचर व्यवसायी ने एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने शिकायत भी दर्ज कर ली है. अब सांसद पप्पू यादव ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पप्पू यादव ने इस साजिश बताया है. सोमवार को एक्स पर लिखा, “देश-प्रदेश की राजनीति में मेरे बढ़ते प्रभाव और आम लोगों के बढ़ते स्नेह से परेशान लोगों ने आज पूर्णिया में घृणित षड्यंत्र रचा है. एक अधिकारी और विरोधियों की इस साजिश को पूर्ण रूप से बेनकाब करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए. जो दोषी हो उसे फांसी दे दो.”
पप्पू यादव ने इशारों-इशारों में एक बड़े अधिकारी की तरफ उंगली उठाई है, लेकिन उन्होंने खुलकर नाम नहीं लिखा है. पप्पू यादव के कुछ सहयोगियों की मानें तो उनका इशारा पूर्णिया के एसपी पर है जिनके पूरे चुनाव में पप्पू यादव से अच्छे संबंध नहीं रहे हैं. हालांकि पप्पू यादव ही बेहतर बता सकेंगे कि उनका इशारा किस अधिकारी की तरफ है.
आनन-फानन में पुलिस ने दर्ज कर लिया केस
उधर इस मामले में पप्पू यादव के सहयोगियों ने कई तरह के सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पप्पू यादव अब सांसद हो गए हैं. सोमवार को थाने में किसी ने सांसद के प्रति रंगदारी मांगने को लेकर आवेदन दिया तो कम से कम एक-दो दिन तक जांच करनी चाहिए थी. इतना भी मुनासिब नहीं समझा गया. पप्पू यादव फरार नहीं हैं. वह दिल्ली गए हुए हैं. उनसे बात की जा सकती थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और आवेदन मिलते ही आनन-फानन में एफआईआर दर्ज कर ली गई.