अयोध्या राम मंदिर का निमंत्रण कांग्रेस ने ठुकराया तो शिवराज सिंह चौहान बोले- उन्हें राम से ज्यादा रोम से प्यार

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कांग्रेस ने राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है। इसको लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी पार्टी पर करारा प्रहार किया है। शिवराज ने कहा है कि देश के सौभाग्य सूर्य का उदय हुआ, भगवान श्री राम रामलला दिव्य और भव्य मंदिर में विराजेंगे। प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है लेकिन लगता है कांग्रेस को राम से ज्यादा रोम से प्यार है।

“उनकी मति मारी गई है कि इनकार कर रहे”

शिवराज सिंह ने कहा कि पहले भी कांग्रेस भगवान के अस्तित्व को मानने से इनकार करती थी। कभी वह प्रमाण मांगती थी कि कहां भगवान राम पैदा हुए थे, मंदिर की जगह टॉयलेट बना दो। अब जब सादर निमंत्रण मिला है तब उनकी मति मारी गई है कि वह वहां जाने से इनकार कर रहे हैं। राम हमारे अस्तित्व हैं, भगवान राम हमारे आराध्य हैं, भगवान राम हमारे प्राण हैं, भगवान राम हमारे भगवान हैं, भगवान राम ही हमारे भारत की पहचान हैं। बिना राम के इस देश को नहीं जाना जा सकता। हमारे रोम-रोम में राम हैं, लेकिन कांग्रेस, भारत की जो पहचान है भगवान श्री राम, वहां जाने से इनकार नहीं कर रही है। भारत की पहचान मानने से ही इनकार कर रही है। भारत की पहचान को ही मानने से इनकार कर रही है, भारतीय संस्कृति को अस्वीकार कर रही है।

शिवराज बोले- कांग्रेस ने सेल्फ गोल किया

मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस को संस्कृति और आस्था से कोई लेना-देना नहीं है। वह हर चीज को वोट बैंक मानती है। वोट बैंक के नाते तोड़ते हैं। लेकिन देश राममय है और हम तो भगवान की भक्ति में लीन हैं। अहोभाग्य हमारे कि इस युग में पैदा हुए जब भगवान श्री राम मंदिर में प्रतिष्ठित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक वोटों के लिए कांग्रेस ने किया ही क्या है। कांग्रेस की विनाश काले विपरीत बुद्धि है और उन्होंने सेल्फ गोल किया है।

क्या ये भाजपा का पॉलिटकल इवेंट है?

कांग्रेस के इस आरोप पर कि ये भाजपा का पॉलिटकल इवेंट है?  शिवराज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लिए भगवान कभी राजनीति का विषय नहीं रहे। वे हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं। किसने क्या कहा, मुझे लेना-देना नहीं है। लेकिन यह दुर्भाग्य कांग्रेस का है। उन्होंने आगे कहा, “जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही।”

“जब हम कारसेवा के लिए जा रहे थे…”

जब शिवराज से पूछा गया कि आप भी कारसेवक रहे, इसपर उन्होंने कहा, “एक बार नहीं अनेकों बार अयोध्या हम लोग गए… जब हम लोग कारसेवा के लिए जा रहे थे, हम बच्चों से भरी बस रोकी गई थी तो हमने पैदल दौड़ लगाई। हमने पहुंचने का प्रयास किया और पकड़ लिए गए। जौनपुर जेल का वातावरण भी हमने कर दिया था… हम यही संकल्प लेते थे कि बड़े से बड़ा बलिदान देंगे लेकिन राम मंदिर वहीं बनाएंगे और फिर से छूटने के बाद हम वहां गए थे।

पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि 22 जनवरी को मैं ओरछा में रहूंगा, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की है कि ज्यादा लोग ना जाएं। हम ओरछा में पूजन करेंगे, कोई भजन गाएंगे… राम भजन सुखदाई, भजो रे मेरे भाई, यह जीवन दो दिन का…।

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