हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यानी 2023 में छठ पूजा के लिए नहाय-खाय 17 नवंबर, शुक्रवार को है। इस दिन से चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो जाती है। मान्यता है कि इस दिन छठ व्रती नदी या घर में स्नान करते हैं। इस दिन सिर्फ एक बार ही भोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नहाय खाय वाले दिन व्रती महिलाएं घर की सफाई करती हैं। इसके अलावा इस दिन से ही छठ पूजा के लिए प्रसाद बनने शुरू हो जाते हैं। परंपरानुसार, इस दिन लौकी या कद्दू की सब्जी बनाई जाती है। वहीं इस दिन भोजन में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है।
छठ पूजा 2023: खरना
नहाय-खाय के बाद छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना करते हैं। इस साल यानी 2023 में खरना 18 नवंबर, शनिवार को है। मान्यतानुसार, इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ की खीर प्रसाद के तौर पर बनाती हैं। इस प्रसाद को रात में खाया जाता है। साथ ही अन्य लोगों के बीच इस प्रसाद को बांटा भी जाता है। इसके बाद से ही व्रती 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू करते हैं।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
पंचांग के अनुसार, 19 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य के अर्घ्य देने का विधान है। इसके अलावा इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए अर्घ्य के सूप को ठेकुआ, फल, मिठाई इत्यादि से सजाया जाता है। फिर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
छठ पूजा के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। इस दिन व्रतधारी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व का समापन करते हैं। इस साल 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।