राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को भारत रत्न दिये जाने की मांग पर केंद्रीय मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने लालू पर तंज कसते हुए कहा कि लालू ने चारा घोटाला और रेलवे में घोटाला किया है। लालू ने ऐसा काम किया है कि भारत रत्न तो मिलने से रहा लेकिन अब उनको सीधे संयुक्त राष्ट्र संघ से ही अवार्ड मिलेगा। लालू पर कंज कसे जाने से हत्थे से भड़के आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर जमकर हमला बोला।
कहा कि भेड़-बकरी और मुर्गा-मछली खाने वाला व्यक्ति आज लालू पर उंगली उठा रहा है। गिरिराज सिंह को समझना होगा कि सात जन्म लेकर भी वो लालू यादव की बराबरी नहीं कर सकते। लालू यादव का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
बेगूसराय में आरजेडी के कद्दावर नेता भाई वीरेंद्र ने यह बातें कही। दरअसल गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में कहा था कि लालू यादव मूर्ख हैं और उन्हें भ्रष्टाचार, चारा घोटाला, जमीन घोटाला के मामले में भारत रत्न तो नहीं मिल सकता। अब संयुक्त राष्ट्र संघ ही अवार्ड देकर सम्मानित करेगी। गिरिराज ने कहा कि लालू जी जिन्दगी भर ऐसा काम किये हैं उनको भारत रत्न से नहीं पूरा होगा। उनको विश्व का रत्न मिलना चाहिए। चारा घोटाला, रेल घोटाला करने वाले लालू ने भ्रष्टाचार का महिमा मंडित किया है इसलिए इनको देश का रत्न नहीं मिल सकता। इनको संयुक्त राष्ट्र संघ का अवार्ड मिलेगा।
गौरतलब है कि बुधवार को गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भारत रत्न देने की अपील की थी। जिसके बाद सियासी गलियारों में लगातार प्रतिक्रियाएं आने शुरू हो गयी। गिरिराज के इस बयान पर बिहार में घमासान मचा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल के कद्दावर नेता भाई वीरेंद्र ने स्पष्ट शब्दों में ऐलान कर दिया है कि यदि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के साथ भी आते हैं तो वर्ष 2025 विधानसभा चुनाव में वो मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। बिहार की जनता ने तेजस्वी की ताजपोशी पहले ही कर दी है। अब नीतीश कुमार की उम्र अधिक हो गई है वह तेजस्वी को आशीर्वाद देकर चले जाएंगे।
दूसरी और उन्होंने नीतीश के एनडीए को छोड़ने एवं इंडिया गठबंधन के साथ आने के संबंध में कहा कि नीतीश कुमार शुरू से ही समाजवादी नेता रहे हैं और यदि एनडीए गठबंधन में वह अपने आपको असहज महसूस कर रहे हैं तो इंडिया गठबंधन के दरवाजे उनके लिए सदैव खुले हुए हैं । क्योंकि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। परिस्थितियों के साथ समझौता किया जाता है ।