बम से हाथ घायल हुआ, तो पैरों पर बांधी बंदूक ; उस जांंबाज के शौर्य की कहानी, जिसने चीन को याद दिलाई नानी

GridArt 20231118 104623965

दुश्मन का गोला हाथ पर लगा और बुरी तरह घायल हो गए, फिर भी हिम्मत नहीं हारी। बंदूक पैरों पर बांधी और गोलियां चलाईं। अपनी चौकी दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर वापस तिरंगा फहराया। उसके बाद वे शहीद हो गए, यह कहानी है भारत मां के उस जांबाज के शौर्य की, जिसने चीन को नानी याद दिला दी थी। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ। बेशक यह युद्ध भारत हार गया था, लेकिन 18 नवंबर 1962 यानी आज के दिन, युद्ध के बीच ही एक और मिनी वार लड़ा गया, जिसे रेजांग ला की जंग के नाम से दुनिया जानती है। इसी जंग के महान योद्धा थे मेजर शैतान सिंह, जो विजय प्राप्त करके शहीद हुए, जिन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

1300 चीनी सैनिक थे और 120 भारतीय जवान

चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया। इस दौरान कुमाऊं रेजिमेंट की 13वीं बटालियन को लेह-लद्दाख में चुशूल सेक्टर में तैनात किया गया। समुद्र तल से 5 हजार मीटर (16 हजार फीट) की ऊंचाई पर बटालियन की सी-कंपनी रेज़ांग ला में पोस्ट पर गश्त पर थी कि 18 नवंबर 1962 की सुबह चीनी सेना ने पोस्ट पर हमला कर दिया। लाइट मशीन गन, राइफल्स, मोर्टार और ग्रेनेड से हमला किया जा रहा था। ऊपर से हाड़ कंपाती ठंड की मार पड़ रही थी। करीब 1300 चीनी सैनिक थे और उनका मुकाबला 120 भारतीय सैनिक कर रहे थे। मेजर शैतान सिंह रेजीमेंट की चार्ली कंपनी का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन उन्होंने युद्ध लड़ने के लिए कम सैनिकों और कम असलहा देखते हुए एक रणनीति बनाई। सैनिकों को कहा कि फायरिंग रेंज में आते ही दुश्मन पर गोली चलाओ।

ज्यादा खून बहने की वजह से शहीद हुए मेजर

मेजर ने कहा कि एक गोली में एक चीनी सैनिक मारो। इस रणनीति से करीब 18 घंटों तक दुश्मन को जवाब देते हुए भारतीय जवानों ने विजय हासिल की, लेकिन तब तक 114 जवान शहीद हो चुके थे। यह लड़ाई जीत ली गई थी कि दुश्मन ने पीठ पीछे वार किया। एक गोला दाग दिया। इससे भारतीय सेना के 3 बंकर तबाह हो गए। एक गोला मेजर शैतान सिंह के हाथ पर आकर लगा, जो बुरी तरह चोटिल हो गया। इसके बावजूद वे दुश्मनों से लड़ते रहे। उन्होंने मशीन गन अपनी टांग पर बांधी और पैरों से ट्रिगर दबाकर गोलियां चलाईं, लेकिन ज्यादा खून बहने की वजह से उनकी हालत बिगड़ गई। सूबेदार रामचंद्र यादव ने उन्हें अपनी पीठ पर बांधा और काफी दूर ले गए, जहां उन्हें एक पत्थर के सहारे लिटाया। कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.