उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में दोहरे कत्लकांड में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि युवक ने अपनी मां के साथ धोखा कर चुके पिता को ठिकाने लगा दिया। इसके बाद दादा को भी उस वक्त मार डाला, जब उसने नींद में करवट बदली। आरोपी दोनों पर फावड़े से तब तक वार करता रहा, जब तक कि इन्होंने दम नहीं तोड़ दिया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया तो वहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
7 सितंबर की रात को ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22डी के बल्लूखेड़ा गांव में अंजाम दी गई थी दोहरे कत्ल की वारदात
वारदात बीती 7 सितंबर की रात को ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22डी के बल्लूखेड़ा गांव में अंजाम दी गई थी। इस बारे में ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया आर्टिस्ट विक्रमाजीत सारी कमाई महिला मित्रों और शराब पर खर्च कर देता था। अक्सर पत्नी और बच्चों की बेज्जती करता था। राखी वाले दिन भी पत्नी और बेटे के साथ उसका झगड़ा हुआ तो इसी बात से खफा बेटे जैस्मिन ने उसकी हत्या करने की साजिश बना डाली। 7 सितंबर की रात को वह सोया नहीं। लगभग डेढ़ बजे घर के पीछे के रास्ते से दीवार फांदकर घेर (बाड़े) में पहुंचा, जहां उसका पिता विक्रमाजीत और चचेरा दादा रामकुमार सो रहे थे।
पुलिस के मुताबिक पहले से तय करके आए जैस्मिन ने पास में पड़ा फावड़ा उठाकर अपने पिता विक्रमाजीत की गर्दन और सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। अचानक चेचेरे दादा राजकुमार ने किसी आहट के चलते या संयोगवश नींद में करवट ली तो इसके जैस्मिन ने उसकी भी जान ले ली। खून से सने कपड़े धोकर वहां से घर लौटने के बाद जैस्मिन घर पहुंच गया। पता चलने पर कत्ल वाली जगह ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। आनन-फानन में दोनों मृतकों के बचने की आस में अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उस वक्त भी जैस्मिन ने न सिर्फ खुद पहुंचने में देरी की, बल्कि अपनी मां के भी लेट करवा दिया। यही वो वजह थी, जो पुलिस के लिए शक की वजह बनी और जब हिरासत में लेकर कड़ाईसे पूछताछ की गई तो उसने जुर्म कबूल लिया।
एडीसीपी अशोक कुमार की मानें तो आरोपी ने बताया कि उसका पिता सारी धन-संपत्ति पराई औरतों पर उड़ा देता था। यहां तक कि बहन (आरोपी की बहन) की शादी करने के लिए भी तैयार नहीं था। उसकी मां शशि को भी तलाक दे दिया था और कोर्ट के 15 हजार प्रतिमाह खर्च देने के आदेश के बावजूद कोई पैसा नहीं दे रहा था। जमीन भी बेच दी। अब सिकंदराबाद की रहने वाली एलएलबी की छात्रा से शादी करना चाहता था। यही वजह थी कि जैसमिन ने अपने पिता की जान लेने की सोची। उसे इस बात का कोई पछतावा नहीं है। हां, मगर दादा को वह नहीं मारना चाहता था, वो अचानक नींद खुल जाने के डर से उसे मार ही डाला।