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झामुमो में मंच नहीं मिला तो बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने का फैसला किया: चंपई सोरेन

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झामुमो में अपनी उपेक्षा को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि वो दुखी हैं और बहुत सोच विचार कर ही भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया।

उन्होंने कहा, “मैं अपनी पीड़ा देश और प्रदेश के लोगों के साथ साझा कर चुका हूं। पार्टी (झामुमो) में ऐसी कोई भी जगह नहीं हैं, जहां पर मैं अपनी पीड़ा व्यक्त कर सकता हूं और जो लोग मुझसे सीनियर हैं, जैसे शिबू सोरेन, लेकिन समस्या है कि वो मौजूदा समय में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में हमें कोई मंच नहीं मिल पा रहा है, जहां अपनी पीड़ा बयां कर सकूं।”

उन्होंने आगे कहा, “जब मुझे झामुमो में रहते हुए अपनी बात रखने के लिए कोई मंच नहीं मिला, तो मैंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने का फैसला किया। सच कहूं, तो मैंने आज तक कभी-भी यह नहीं सोचा था कि मुझे झामुमो से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल होना पड़ेगा, लेकिन मेरे लिए झामुमो में ऐसी राजनीतिक परिस्थितियां पैदा कर दी गईं थीं कि मुझे इस्तीफा देना पड़ा। ऐसा मैंने सच कहूं, तो कभी नहीं सोचा था। मैंने अपने राजनीतिक जीवन को ध्यान में रखते हुए दो ही फैसले लिए थे कि या तो मैं अपना खुद का दल बनाऊंगा या तो राजनीति से ही संन्यास ले लूंगा, लेकिन आज की तारीख में मेरे लिए परिस्थितियां काफी अलग हो चुकी हैं। इसी वजह से मुझे यह फैसला लेना पड़ा।”

उन्होंने कहा, “बीते दिनों जब मैं जमशेदपुर गया था, तो मुझे मेरे समर्थकों ने स्पष्ट कह दिया था कि आपको किसी भी कीमत पर संन्यास नहीं लेना है, क्योंकि झारखंड की राजनीति को आपकी जरूरत है। आपका योगदान प्रदेश की राजनीति को समृद्ध करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।”

जब चंपई सोरेन से यह सवाल किया गया कि इंडी गठबंधन बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाती है, तो इस पर आपकी क्या राय है? इस पर चंपई सोरेन ने सवालिया लहजे में कहा, “कौन आरोप लगा रहा है? सच कहूं, तो मैं इन आरोपों को गंभीरता से नहीं लेता। कारण यह है कि इन आरोपों में बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। शायद कई लोगों को यह नहीं पता है कि इससे पहले बीजेपी और झामुमो गठबंधन में रहकर सरकार चला चुके हैं, तो ऐसे में आप खुद ही समझ सकते हैं कि आखिर मैं क्यों इन आरोपों को गंभीरता से नहीं ले रहा हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “आखिर वो कौन है, जो इस तरह का आरोप लगा रहा है। मैं जानना चाहता हूं, उस व्यक्ति के बारे में, अगर मुझे एक बार उस व्यक्ति के बारे में पता चल जाएगा, तो मैं आपको सवालों का जवाब दूंगा, लेकिन उससे पहले मैं आपके किसी भी सवाल का जवाब नहीं देने वाला हूं। इस बात से हर कोई वाकिफ है कि इस देश में दो ही राष्ट्रीय दल है, एक बीजेपी और दूसरा कांग्रेस। बीजेपी पिछले कई सालों से सत्ता में है। झामुमो ने कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। ऐसी स्थिति में आप मेरा विश्वास कीजिए कि मैं यह जानना चाहता हूं कि आखिर वो कौन है, जो कि इस तरह का आरोप लगा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं यही सुझाव देना चाहूंगा कि अगर कोई इस तरह के आरोप लगा रहा है, तो जरा सोच समझकर लगाए, क्योंकि इन आरोपों का प्रभाव बहुत दूर तक पड़ता है।”

बता दें कि बीते दिनों झारखंड मुक्ति मोर्चा में अपनी उपेक्षा से व्यथित होने के बाद बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने झामुमो के सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया था। उनके इस कदम के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वो अपनी पार्टी खड़ी कर सकते हैं। लेकिन अब फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थामने का फैसला किया है।


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Kumar Aditya

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