कब है चौरचन पूजा , जानिए शुभ मुहूर्त; पूजा विधि और महत्व
सुहागिन महिलाएं अखंड सुहाग को लेकर भाद्रपद शुक्ल तृतीया छह सितंबर को हस्त नक्षत्र व चित्रा नक्षत्र के संयोग में तीज का पर्व मनाएंगे। इस दिन सुहागिन निर्जला व्रत रख कर भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा अर्चना करेंगे।
ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, इस दिन उदयगामिनी हस्त्र नक्षत्र, शुक्ल योग, रवियोग का संयोग बना रहेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मां पार्वती पहली बार शिव शंकर की बालुकामयी प्रतिमा बनाकर पूजा की थी।
इस दिन व्रती पार्थिव की प्रतिमा बनाकर गंगाजल, अक्षत, चंदन, बेलपत्र, ऋतुफल व पकवान आदि से पूजन करेंगे।
संतान की दीर्घायु के लिए चौरचन पूजा व्रत
मिथिलांचल का लोक पर्व चौथचंद्र (चौरचन) व्रत छह सितंबर को संतान की दीर्घायु के लिए महिलाएं व्रत करेंगी।शुक्रवार की दोपहर 12.18 बजे तक तृतीया तिथि फिर इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी में मिथिलांचल में पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन चंद्रमा के पूजन व अर्घ्य देने से मनोविकार से मुक्ति, आरोग्यता, एश्वर्य, संतान की दीर्घायु के लिए व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्रापमुक्त करके शीतलता एवं सौंदर्य का वरदान दिए थे।
राशि के अनुसार करें तीज पूजन
- मेष – शिव जी को पंचामृत से स्नान के बाद रेशमी वस्त्र अर्पित करें।
- वृष – शिव-पार्वती के पूजा में गुलाब का पुष्प व इत्र अर्पण कर धूप दें।
- मिथुन व मीन – हरा वस्त्र धारण कर पूजा में मां पार्वती को हल्दी व शिव जी को सफेद चंदन अर्पित करें।
- कर्क – पूजा के बाद शिव का शृंगार तथा ॐ नमः शिवाय का जाप करें।
- सिंह – शिव- पार्वती को पीत पुष्प का हार चढ़ा कर रुद्राष्टकम का पाठ करें।
- कन्या – शिव जी को बेलपत्र और दूर्वा चढ़ाएं।
- तुला – महादेव को पंचामृत से स्नान कराएं और साथ ही शृंगार की वस्तुओं का दान करें।
- वृश्चिक – पीला वस्त्र धारण करके शिव-पार्वती की आराधना और पूजा करे साथ ही दूर्वा अर्पित करें।
- धनु – लाल वस्त्र धारण कर पूजा में शिव-पार्वती को सुगंधित पुष्प अर्पित करें।
- मकर – भगवान शिव को सफेद चंदन तथा घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- कुंभ – गुलाबी वस्त्र धारण कर पूजा में महादेव को श्वेत पुष्प अर्पित करें।
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