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जब पप्पू यादव और गिरिराज सिंह हुए आमने-सामने, बहस करते-करते दोनों आपस में भिड़ गए, फिर तो..

BySumit ZaaDav

जून 28, 2023
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जाप सुप्रीमो पप्पू यादव और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह में विभिन्न मुद्दों को लेकर खूब बहस हुई. एक शादी समारोह में दोनों आमने-सामने हो गए और हंसी मजाक में ही सही दोनों के बीच राजनीति पर जमकर बहस हुई. गिरिराज सिंह को अपना अभिभावक बताकर पप्पू यादव राजनीतिक हालात पर चर्चा करने लगे. अंत में गिरिराज सिंह उठकर जाने लगे तो पप्पू यादव ने उनका हाथ पकड़ लिया. इस पर गिरिराज सिंह ने इनकार करते हुए कहा कि नहीं मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगा. वह अलग जाकर बैठ गए. दरअसल शेखपुरा में पूर्व मुख्य पार्षद मुकेश यादव की बेटी की शादी में दोनों नेताओं का आमना सामना हुआ. रविवार (25 जून) को पप्पू यादव और गिरिराज सिंह पहुंचे थे।

पप्पू यादव और गिरिराज सिंह के बीच शादी की बात होते होते राजनीति की बात होने लगी. पप्पू यादव ने पूंजीवाद के मुद्दे को उछाल दिया. इसके बाद गिरिराज सिंह भड़क गए. कहने लगे कि यही तो देश को ले डूबा. इसके बाद पप्पू यादव ने कहा मेरी बात तो सुनिए. गिरिराज सिंह ने कहा क्या सुनूं-लालू यादव, पप्पू यादव और सब बाकी सब लोगों की कहानी भी तुम्हारी ही है. गिरिराज सिंह ने कहा कि तुम्हारा क्या सुनें. लोकसभा में बहुत सुने हैं।

बातों बातों में अवॉर्ड लेने की बात आ गई. पप्पू यादव ने कहा कि हमें और हमारी पत्नी को आप लोगों ने अवॉर्ड दिया तो गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में तो केवल लालू यादव को अवॉर्ड मिलता रहा है. पप्पू यादव ने कहा कि आपको अवॉर्ड लेना है इस पर गिरिराज सिंह ने कहा मैं तो बूढ़ा, हो गया हूं. मैं अवॉर्ड लेकर का क्या करूंगा? पप्पू यादव ने हंसी मजाक में ही कहा तो अब आप चुनाव नहीं लड़ेंगे इस पर गिरिराज सिंह ने कहा कि चुनाव तो पार्टी लड़वाती है. पप्पू यादव ने कहा आपकी पार्टी ने ही निर्देश निकाला है 72-73 साल के बाद वाले चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इस पर गिरिराज सिंह ने हंसते हुए कहा हिंदी व्याकरण में अपवाद नहीं होता है क्या।

इसी दौरान बातों-बातों में पप्पू यादव जाति की राजनीति पर बात करने लगे. इस पर गिरिराज सिंह ने कहा कि आप कहां जा रहे हैं? हम तो यादव में भी हिंदू देख रहे हैं. गिरिराज सिंह ने पुरानी बातों की याद को ताजा करते हुए कहा कि भले ही आपके पिताजी का नाम लालू प्रसाद यादव नहीं है, लेकिन आप क्या-क्या किए हैं, कहां घूमे हैं वह तो सब मुझे मालूम है. हालांकि राजनीतिक बात के साथ-साथ दोनों में जमकर हंसी ठिठोली होती रही. आसपास में बैठे लोग मजे लेते रहे।

 


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