…जब जज के पास पहुंची 7 साल की मासूम, कहा- ‘बड़ी मां ने भाई को मार डाला

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इस दौरान उसने एडीजे दस मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट के समक्ष हत्यारे के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत किए. बच्ची के द्वारा कोर्ट के समक्ष दिए गए बयान में घटना के दिन हुई वारदात की पूरी कहानी बयां की गई, जिसके बाद बच्ची के बयान को कोर्ट द्वारा कलमबद्ध किया गया.

कोर्ट पहुंची 7 साल की बच्ची: दरअसल इस संदर्भ में बताया जाता है कि पिछले 13 अगस्त को साढ़े चार वर्ष के मासूम की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मृतक की बहन अपनी मां के साथ एडीजे दस मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट में गवाही देने पहुंची. हत्याकांड की एकमात्र चश्मदीद मृतक की सात वर्षीय बहन ने अपने भाई को न्याय दिलाने को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई.

भाई को न्याय दिलाने कोर्ट पहुंची बच्ची: साथ ही उसने कोर्ट के सामने घटना के दिन की पूरी कहानी बयां की. उसने जज को बताया कि उसके भाई को कैसे बड़ी मां उर्मिला देवी और उनकी 17 वर्षीय बेटी ने अपने ही कमरे में गला दबाकर हत्या कर दी और मक्के के खेत में उसका शव फेंक दिया. बता दें कि बच्ची की मां सुमित्रा देवी एक निजी स्कूल में साफ-सफाई का काम कर परिवार का भरण पोषण करती है.

बयां की भाई की हत्या की दर्दनाक कहानी: रोज की तरह वह अपने घर का काम खत्म कर स्कूल चली गई. सुमित्रा की तीन बेटी और एकलौता बेटा था, जो अपनी बड़ी बहन के साथ घर पर ही था. एक ही घर में उसकी जेठानी भी अपनी बेटी के साथ अलग रहती थी. इस संदर्भ में सुमित्रा ने बताया कि जब वह स्कूल से 4:00 बजे घर आई तो मेरे तीनों बेटी घर पर थी, लेकिन मेरा बेटा कहीं पर दिखाई नहीं दिया.

“मैंने अपनी लड़की से बेटा के बारे में जानकारी प्राप्त की. तब बड़ी बेटी ने बताया कि जेठानी की बेटी ने उसे 10 रुपये देकर बाबू के खाने के लिए कुरकुरे लाने के लिए भेज दिया था और बोली कि मैं बाबू को मोबाइल दिखा रही हूं. बेटी ने बताया कि जब मैं कुरकुरे लेकर आई तो बाबू दिखाई नहीं दिया. जेठानी ने दरवाजा और खिड़की बंद कर लिया था.“- मृतक बच्चे की मां

बहन ने देखी थी बड़ी मां के यहां भाई की लाश:वहीं बहन ने आगे बताया कि जब उन लोगों (बड़ी मां) से पूछा तो उन लोगों द्वारा कहा कि तुम्हारे पीछे-पीछे चला गया था. उसके बाद हम उसे खोजने घर से निकल गए. अभी बच्चे की तलाश ही कर रही थी कि तभी छोटी बेटी ने बताया कि जब वह स्कूल से आकर बस्ता रखने घर गई तो बड़ी मां के घर का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था, जहां बाबू पड़ा हुआ था.

“मुझे भी बाबू को खोजने के लिए बाहर भेज दिया, लेकिन फिर पीछे पलट कर देखी तो बड़ी मां की बेटी काला कपड़ा ओढ़ा कर बाबू को खेत की तरफ ले जा रही थी. जिसके बाद मकई के खेत में खोजबीन किया गया तो भाई का शव मिला.“- मृतक बच्चे की बहन

गले पर उंगलियों के निशान: जानकारी के अनुसार बच्चे की गर्दन पर दोनों तरफ उंगलियों के निशान थे. वहीं इस संदर्भ में अपर लोक अभियोजक जयराम साह ने बताया कि 7 साल की बहन के साढ़े चार साल के भाई की हत्या किए जाने का मामला है.

“हत्या के संदर्भ में एडीजे दस मानवेंद्र मिश्र की अदालत में हत्यारों के विरुद्ध साक्ष्य देने आए थे. अदालत द्वारा यह कहा गया कि चार्जशीट में गवाह भी नहीं थी, लेकिन अभियोजन की तरफ से आई विटनेस लाया गया जो काफी सराहनीय कदम है.”जयराम साह,अपर लोक अभियोजक

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