जब कलेक्टर बने किसान: गमछा बांधकर धान क्रय केंद्र पर जा पहुंचे DM, घंटों लाइन में खड़े रहे

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा के कलेक्टर विलास भोसकर ने हाल ही में एक अनोखा कदम उठाते हुए किसान बनकर धान खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने घंटों तक लाइन में लगकर किसानों की तरह धान बेचा और व्यवस्था का जायजा लिया।

किसान बनकर पहुंचे कलेक्टर

गुरुवार को कलेक्टर भोसकर और एसडीएम रवि राही ट्रैक्टर पर सवार होकर धान खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने सिर पर गमछा बांधकर किसान का रूप धरा और टोकन लेकर लाइन में लग गए। इस दौरान किसी को भी उनकी पहचान नहीं हुई। उन्होंने धान की तुलाई करवाई, तौल पत्रक की ऑनलाइन एंट्री करवाई और पूरी प्रक्रिया का बारीकी से जायजा लिया।

किसानों की समस्याओं को सुना

इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने देखा कि किसानों को धान बेचने में किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कर्मचारियों के व्यवहार पर भी नजर रखी और पाया कि कुछ कर्मचारी किसानों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रहे थे।

सहकारी बैंक का भी किया निरीक्षण

धान खरीदी केंद्र के बाद कलेक्टर सहकारी बैंक सीतापुर भी पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों के साथ लाइन में लगकर पैसे निकाले और बैंक की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बैंक के कर्मचारियों को निर्देश दिए कि किसानों के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनके पैसे समय से ट्रांसफर करें।

क्यों किया यह अनोखा प्रयोग?

कलेक्टर का यह अनोखा प्रयोग किसानों की समस्याओं को समझने और धान खरीदी की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए किया गया। उन्होंने खुद किसान बनकर धान खरीदी केंद्र का निरीक्षण करके यह जानना चाहा कि किसानों को वास्तव में क्या समस्याएं आ रही हैं।