ज्ञानवापी मामले में आया हिंदुओं के पक्ष में फैसला तो भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा…’दोबारा हो सकता है 6 दिसंबर’

Asaduddin OwaisiAsaduddin Owaisi

वाराणसी जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की अनुमति दी. इसे लेकर एआईएमआईएम के चीफ असददुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, “आज जज साहब के रिटायरमेंट का आखिरी दिन था. 17 जनवरी को रिसीवर बैठाया. इन्होंने पूरा केस ही डिसाइड कर दिया. जब तक प्रधानमंत्री नरेंद मोदी इस एक्ट पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगें नहीं कि वो इसके साथ हैं, तब तक ये सब चलता रहेगा.”

असददुद्दीन ओवैसी बोले, “1993 के बाद से आप खुद कह रहे हैं कि वहां कुछ नहीं हो रहा था. अपील के लिए 30 दिन का समय देना था. ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा की इजाजत देना गलत है.” बाबरी विध्वंस से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हां, 6 दिसंबर दोबारा हो सकता है, क्यों नहीं हो सकता.”

जिलाधिकारी को कोर्ट ने दिया निर्देश

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेंद्र को दे दिया है.

उन्होंने बताया कि कोर्ट ने अपने आदेश में जिला अधिकारी को निर्देश दिया कि वादी शैलेन्द्र व्यास और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से तय किए गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राज भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं.

गिरिराज सिंह ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में हिन्दू अपने ही अधिकारों से वंचित रहा हैं, माननीय न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा था कि अयोध्या तो केवल झांकी है आगे राम की लीला बाकी है.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
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