बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दसवें दिन विपक्ष ने राज्य में कानून व्यवस्था का मुद्दा लेकर जम कर हंगामा किया। विपक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर और अंदर दोनों जगह सरकार के विरोध में जम कर हंगामा किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला। विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है, अपराधियों में पुलिस का भय नहीं है और यही वजह है कि अब आमलोग तो आम लोग अब पुलिस भी सुरक्षित नहीं है।
विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानमंडल सत्र के दौरान ही सीएम नीतीश ने बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब कर लिया। मुख्यमंत्री के बुलावे पर डीजीपी विनय कुमार और मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा विधानसभा पहुंच कर सीएम नीतीश से मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया। सीएम ने साफ शब्दों में निर्देश दिया कि चाहे कोई भी हो, अपराध करने वाले को बख्शा नहीं जाए।
अपराध के कारणों की पूरी तहकीकात कर दोषी की पहचान करें और बिना किसी भेदभाव के उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि आपराधिक घटनाओं के पीछे किसी प्रकार की साजिश है तो उसकी भी जांच की जाय और जांचोपरांत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
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