दीदी को सताया तो साले ने जीजाजी खिलाफ फर्जी नियुक्ति की याचिका कर दी दायर, अब बुरे फंसे जीजाजी

Court Law

ससुराल पक्ष द्वारा रोजाना बहन को परेशान करने के कारण उसके भाई ने हाईकोर्ट ( High Court ) में जीजा के फर्जी नियुक्ति की याचिका दायर कर दी। गोपेश कुमार मित्तल ने बताया मेरी बहन की आकाश से लगभग 6 साल पूर्व शादी हुई थी। बहन को अकसर ससुराल पक्ष के लोग परेशान करते थे लेकिन बहन के पति इसकी सुनवाई नहीं करते थे।

जब भी पत्नी ससुराल पक्ष की शिकायत करती तो पति बहन पर ही नाराज हो जाते थे। आए दिन इस प्रकार की परेशान को देखते हुए उन्होंने कोर्ट जाने का निर्णय लिया। ताकि पति के काले कारनामे उजागर हो सकें। दोनों के एक बच्चा है। पति के रवैये को देखते हुए बहन ने ससुराल छोड़ दिया। आरटीआई (RTI ) से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर हाईकोर्ट में पिटीशन ( petition ) फाइल की है।

जीजा आकाश अग्रवाल के खिलाफ गोपेश कुमार मित्तल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उनकी नियुक्ति को फर्जी बताते हुए हटाने की गुहार लगाई है। कोर्ट को बताया गया कि कूटरचित दस्तावेज के आधार पर 2017 में राजस्व विभाग में आकाश को नियुक्ति प्रदान की गई। इसकी पुष्टि दस्तावेजों की जांच से हो सकती है। आरोप की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वर्तमान में आकाश भितरवार तहसील में पदस्थ है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि आकाश अग्रवाल ने टाइपिंग परीक्षा पास नहीं की और ना ही उसके पास प्रवेश परीक्षा के समय मान्यता प्राप्त विवि से पीजीडीसीए की डिग्री थी। प्रवेश परीक्षा की तिथि और नियुक्ति की तिथि में भी अंतर बताते हुए तर्क दिया गया कि व्यापमं ने 19 दिसंबर 2011 को सहायक वर्ग-3, निम्न श्रेणी लिपिक, पंजीयन लिपिक व अन्य रिक्त पदों की भर्ती के लिए संयुक्त चयन परीक्षा-2011 का विज्ञापन जारी किया।

जीजा की फर्जी नियुक्ति की साले ने खोली पोल

परीक्षा का आयोजन 26 फरवरी 2012 को किया गया। इसके बाद 15 जून 2017 को बुरहानपुर में राजस्व विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद पर आकाश अग्रवाल पुत्र अशोक अग्रवाल को नियुक्ति दी गई। इससे स्पष्ट है कि कूटरचित दस्तावेज के आधार पर नौकरी प्राप्त की गई।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.