मां को खून देने पहुंचा बेटा तो बहू अस्पताल पहुंचकर किया हाईवोल्टेज ड्रामा, जानें फिर आखिर में क्या हुआ?

GridArt 20240607 124007820

बिहार के गोपालगंज में खून दान को लेकर पत्नि-पत्नी के बीच विवाद हो गया. सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में उस वक्त एक महिला ने हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू कर दिया जब उसका पति अपनी मां को ब्लड देने के लिए पहुंचा था. लेकिन उसकी पत्नी अपने पति को ब्लड नहीं देने के लिए कहा. इस दौरान ब्लड बैंक कर्मी द्वारा उसे काफी समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हुई।

अस्पताल में हाईवोल्टेज ड्रामाः दरअसल, इस संदर्भ में बताया जाता है कि मांझागढ़ प्रखंड के कमालपुर गांव निवासी रामजनम रावत की पत्नी लगनी देवी पिछले कई दिनों से बीमार है. डॉक्टर ने उसे खून की कमी बताकर खून चढ़ाने की सलाह दी है. जब उसका बेटा खून देने के लिए सदर अस्पताल के ब्लड बैंक पहुंचा तभी उसकी पत्नी भी वहां पहुंच गई. उसे खून देने से साफ तौर पर मना कर दिया. हालांकि इसका कारण का पता नहीं चल पाया है कि उसने मना क्यों किया?

काफी समझाने के बाद भी नहीं मानीः गोविंदा रावत ने बेटे का धर्म निभाने के लिए ब्लड डोनेट की भरपूर कोशिश की. पत्नी के विरोध के बावजूद वह ब्लड देना चाहता था और इसको लेकर ब्लड बैंक के कर्मी भी तैयार थे. खून निकालने के लिए बेड पर उसे जैसे लिटाया गया कि उसकी पत्नी ने हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू कर दिया. ब्लड बैंक के कर्मी उसे काफी समझाया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी।

खून के इंताजर में है पीड़ित महिलाः अंत में पत्नी के ज़िद के आगे उसका पति झुक गया और उठ कर चला गया. फिलहाल पीड़ित महिला के पति अपने पत्नी के लिए ब्लड का इंतजार कर रहा है. बीमार महिला के पति रामजनम रावत ने बताया कि उसका दो बेटा है. एक बेटा विदेश में कमाने गया है. दूसरा बेटा घर पर ही पत्नी के साथ अलग रहता है. बीमार महिला अपने बेटे को 45 हजार रुपए भी पीएम योजना से मिली राशि दे दी लेकिन आज ब्लड कि जरूरत है तब उसकी पत्नी ब्लड नहीं देने दे रही है।

“मेरी पत्नी बीमार है. एक बेटा विदेश में रहता है. दूसरा बेटा यहीं रहता है. आज जब खून देने के लिए पहुंचा तो उसकी पत्नी ने मना कर दिया. अब डॉक्टर खून का इंतजार कर रहे हैं. कोई डोनेट करेगा तो खून चढ़ाया जाएगा.” -रामजनम रावत, पीड़ित महिला का पति

क्यों करना चाहिए खून दानः बता दें कि अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ है तो वह खून दान कर सकता है. इससे कोई कमजोरी या किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है. डॉक्टर के मुताबिक एक स्वस्थ व्यक्ति हर 56 दिन की अवधी के बाद खून दान कर सकता है. शरीर से एक यूनिट खून निकाला जाता है जो 24 घंटे के अदर उतना ही खून बन जाता है. इससे शरीर में ताजगी मिलती है और हार्ट अटैक का खतरा काम होता है. कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.