जब विधायक श्रेयसी सिंह के सामने झगड़े दो अधिकारी

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जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत मांगोबंदर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। आज तक आपने दो लोगों को आपस में नोंक-झोंक करते हुए कई बार देखा होगा।लेकिन मांगोबंदर की ये तस्वीर आपको हैरान कर देगी।यहां जिला के दो बड़े अधिकारी की आपस में तू-तू, मैं-मैं हो रही है, वो भी जमुई विधायक श्रेयसी सिंह के सामने। विधायक श्रेयसी सिंह हैरान और परेशान थी, क्या ऐसा भी हो सकता है।

इस तरीके से आप मत बोलिए….तुम्हारा लैंग्वेज ठीक नहीं है…..आपका ठीक है क्या…..तुम यहां रहते ही नहीं हो, तुम्हारा तो अलग ही प्रॉब्लेम है….चिठ्ठी डिपार्टमेंट को दीजिएगा कि हमको दीजिएगा….तुमको आने में लग गया एक सप्ताह, तुम्हारा नंबर भी नहीं है…….इस तरह की बातें किसी और के बीच नहीं बल्कि हो रही थी जमुई के दो पदाधिकारियों के बीच।

जमुई के उप-विकास आयुक्त और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता के बीच हुई थी बहस

ये दो पदाधिकारी थे जमुई के उप-विकास आयुक्त सुमित कुमार और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार। दरअसल , विधायक श्रेयसी सिंह बुघवार को खैरा प्रखंड के मांगोबंदर में जल जमाव का निरीक्षण करने पहुंची थी।

श्रेयसी सिंह के निर्देश पर जमुई के उप-विकास आयुक्त सुमित कुमार और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार भी वहां पहुंचे थे। जलजमाव की समस्या कैसे दूर हो इसको लेकर विधायक दोनों पदाधिकारियों से विचार विमर्श कर रही थी।

इससे पहले विधायक ने पूरे इलाके में जल जमाव का अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया और फिर समस्या का समाधान कैसे हो ताकि क्षेत्र के लोगों को हो रही परेशानियों से निजात मिल सके अधिकारियों के साथ विमर्श करने एक स्थान पर खड़ी हुई।

बहस देख भड़कीं जमुई की एमएलए श्रेयसी सिंह

इसी दौरान दोनों अधिकारियों के बीच तू-तू, मै-मै होने लगी। विधायक ने तुरंत हस्तक्षेप किया और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता आदित्य कुमार को कहा कि वरीय अधिकारी से कैसे बात की जाती है पता नहीं है क्या। लेकिन तब तक दोनों के बीच काफी हद तक जुबान चल चुकी थी। इसके बाद पत्रकारों द्वारा पूछने पर कार्यपालक अभियंता ने अपनी गलती स्वीकार की।

विधायक श्रेयसी सिंह ने कार्यपालक अभियंता के इस व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की। श्रेयसी सिंह ने कहा कि मांगोबंदर में जलजमाव से दर्जनों गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। समस्या के निदान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के संबंधित अधिकारी जमुई में नहीं रहते हैं और यह भागलपुर से आपरेट होता है। ये पदाधिकारी बहुत सुस्त हैं और बहुत ही निष्क्रिय हैं, कोई काम करने में उन लोगों को रुचि नहीं रहता है।

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