बिहार में कब बरसेंगे बदरा? भीषण गर्मी, पारा 41 डिग्री के पार, बढ़ी लोगों की मुश्किलें

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मार्च का महीना खत्म हो रहा है. ऐसे में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. अब हॉट डे और लू का अहसास होने लगा है. 27 मार्च गुरुवार को बिहार के कई जिलों में तेज धूप के साथ पछुआ हवा के कारण झुलसा देने वाली गर्मी का अहसास हुआ।

बक्सर सबसे गर्म जिला: मौसम विभाग की पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखें तो बिहार का बक्सर सबसे गर्म जिला रहा है. यहां का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पूरे राज्य का सबसे ज्यादा तापमान इसी जिला में दर्ज किया गया. गर्मी के कारण लोग परेशान रहे।

कैसा रहा न्यूनतम तापमान: बक्सर के अलावे अन्य जिलों का अधिकतम तापमान 34 से 40 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया. न्यूनतम तापमान की बात करें तो सिवान के जीरादेयी में सबसे कम न्यूनतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावे भागलपुर को छोड़कर अन्य जिलों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गयी।

टॉप 5 गर्म जिले: बक्सर के साथ-साथ खगड़िया में 40.6, जीरादेई में 40, औरंगाबाद में 39.7, शेखपुरा में 39.6, मधुबनी में 39.5, गोपालगंज में 39.1 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. इसके अलावा गया, जमुई और बांका का 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

आगे कैसा रहेगा मौसम: मौसम विभाग के अनुसार 2 से 3 दिनों के दौरान उत्तर-पूर्वी बिहार और आसपास के जिलों को को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज चवा चलेगी. राज्य के दक्षिण एवं उत्तर-पश्चिम भागों में हवा की दिशा पूर्वा रह सकता है. दिन और रात के तापमान में 3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।

कब होगी बारिश: गर्मी के कारण लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि बारिश कब होगी. हालांकि मौसम विभाग की ओर से कई भी पूर्वानुमान जारी नहीं किया गया है. अगले एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं दिख रही है. आगे और गर्मी बढ़ने की संभावना है।

स्वास्थ्य विभाग का एडवाइजरी जारी: इधर बदलते मौसम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी किया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है. गर्मी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी की गयी है. गर्मी का महीना शुरु होने के पहले ही प्रभावित मरीजों से निपटने की विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट: पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिक के बीच हीट रिलेटेड इलनेस केस को मैनेज के लिए विशेष जागरूकता कैंप भी लगाए जाएगें. यह हेल्थ एडवाइजरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं सभी जिला स्वास्थ्य समिति के लिए तैयार किया गया है. इस हेल्थ एडवाइजरी को नेशनल एक्शन प्लान ऑन हीट रिलेटेड इलनेस के ऊपर तैयार किया गया है।

5 डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था: मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में क्षमतानुसार हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए 5 डेडिकेटेड बेड बनाए जाएगें. हीट वेव मैनेजमेंट के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन, रोस्टर वाइज स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था पर बल दिया जाएगा. इसके अलावा सभी जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य संस्थानों में गर्मी एवं हीट वेव की संभावना के मद्देनजर वार्डों में आवश्यकतानुसार एसी, फैन, कूलर, पीने का ठंडा पानी के साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

ओआरएस कॉर्नर की स्थापना: प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में एक ओआरएस कॉर्नर की स्थापना भी की जाएगी. आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों में एंटीडायरियल मेडिसिन, आइस पैक, रेक्टल थर्मामीटर, पोर्टेबल बाथटब, आइस मेकर, ओआरएस पैकेट सहित अन्य आवश्यक चीजें मौजूद होंगी. ओपीडी में आने वाले मरीजों में हीट वेव से ग्रसित होने जैसे लक्षण दिखने पर उनकी जांच की जाएगी।

“जनमानस में हीट वेव एवं गर्मी से बचाव के लिए क्या करें और क्या नहीं करें, इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा गर्मी से संबंधित बीमारी से प्रभावित मरीजों को पर्याप्त प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाएगा. रेफर के दौरान 102 एम्बुलेंस में हीट से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएगें.” -मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार

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