सत्ताधारी दल के पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की. मुख्यमंत्री सचिवालय ने पथ निर्माण विभाग को जांच के आदेश दिए. विभाग से जांच वाली चिट्ठी मुख्य अभियंता से होते हुए अधीक्षण अभियंता तक पहुंची. चूंकि कार्यपालक अभियंता के खिलाफ जांच करनी है, लिहाजा जांच वाली चिट्ठी अधीक्षक अभियंता के कार्यालय में शोभा की वस्तु बनी हुई है. जांच की गाड़ी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. इधर, देर होने पर आवेदक पूर्व विधायक ने जांच अधिकारी को फोन किया. जांच अधिकारी ने कहा कि जल्द ही जांच शुरू करेंगे. जांच में देरी होने से कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. क्या जांच को लटकाकर मामले को खत्म होने का इंतजार किया जा रहा ? पूर्व विधायक ने बताया है कि मामला गंभीर है.
कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता पर गंभीर आरोप
पथ निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता गंभीर आरोप के घेरे में है. न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि मुख्यालय से बाहर रहने, पटना से आवाजाही कर सरकारी पैसे का दुरूपयोग करने जैसे गंभीर आरोप हैं. सत्ताधारी दल के पूर्व विधायक की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने जांच के आदेश दिए हैं. अधीक्षण अभियंता को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. जांच अधिकारी अगर कार्यपालक अभियंता के मोबाईल लोकेशन की रिपोर्ट निकालेंगे तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा.
पूर्व विधायक की शिकायत पर जांच के आदेश
पथ निर्माण विभाग के एक और कार्यपालक अभियंता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. पूर्व विधायक ललन पासवान ने पथ प्रमंडल कोचस के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण के भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की है. शिकायती पत्र मुख्यमंत्री से होते हुए, पथ निर्माण विभाग, विभाग के मुख्य अभियंता और अब अधीक्षण अभियंता तक पहुंच गया है. भोजपुर अंचल के अधीक्षण अभियंता, पथ प्रमंडल कोचस के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण द्वारा की जा रही गड़बड़ी की जांच करेंगे. विभाग का पत्र आने के बाद मुख्य अभियंता दक्षिण भाग ने भोजपुर अंचल के अधीक्षण अभियंता को दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता भोजपुर अंचल शैलेन्द्र भारती को निदेशित किया है कि पथ प्रमंडल कोचस के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण पर आरोप है कि वे ‘कोचस’ स्थित आवास में नहीं रहकर प्रतिदिन पटना से आवागमन करते हैं. जिससे की सरकारी पैसे की बर्बादी होती है. साथ ही अधीनस्थ अभियंताओं के माध्यम से संवेदक से पैसा की उगाही करते हैं. इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन दें.
बता दें, सरकार ने सभी पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं से संपर्क स्थापित करने के लिए सरकारी मोबाईल नंबर दिया है. कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता,जिन पर आरोप है कि वे मुख्यालय में नहीं रहते हैं, इनका सरकारी मोबाइल नंबर- 9470001324 है. पथ निर्माण विभाग की तरफ से यह जानकारी सार्वजनिक की गई है. अगर जांच अधिकारी सह अधीक्षण अभियंता भोजपुर आरोपों से घिरे कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के सरकारी फोन नंबर का टावर लोकेशन की रिपोर्ट लेंगे , तब सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. पानी की तरह साफ हो जाएगा कि आरोप में दम है या राजनीति से प्रेरित है. इसके लिए जांच अधिकारी को उक्त कार्यपालक अभियंता के सरकारी मोबाइल नंबर की पड़ताल करानी होगी. अगर ऐसा नहीं होता है तब जांच अधिकारी पर सवाल खड़े हो सकते हैं.
पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री से की थी शिकायत
पूर्व विधायक ललन पासवान ने इस संबध में 29 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. जिसमें रोहतास जिले के कोचस पथ प्रमंंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण पर करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की थी. अपने पत्र में पूर्व विधायक ललन पासवान ने आरोप लगाया है कि कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र नारायण जब से यहां पदस्थापित हुए हैं, कोचस आवास में एक दिन भी नहीं रहते. प्रतिदिन पटना से आना-जाना होता है . डीजल आपूर्ति का पैसा बनाकर सरकार का दोहन कर रहे हैं. अगर इनके मोबाइल लोकेशन की जांच की जाए, तब सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. ओपीआरएमसी में बड़ा खेल किया जा रहा है. संवेदक से जबरन धमकाकर पैसे की उगाही की जा रही है. जो कनीय अभियंता उनकी बात नहीं सुनता, वेतन रोक दिया जाता है. काम से पूर्व ही चालीस फीसदी कमीशन मांगा जाता है. इसकी सूचना संवेदक ने पहले ही मुख्यालय को दिया है. कार्यपालक अभियंता के आचरण और व्यवहार से पथ प्रमंडल कोचस के सभी पदाधिकारी-कर्मचारी दबाव और परेशानी में हैं. उन्होंने हाल ही में एक फोर्थ ग्रेड स्टाफ को प्रमोट कर गलत तरीके से कैशियर बनाया है. पूर्व विधायक ने एक कंपनी का नाम दिया है. जिसमें कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता उक्त कंपनी की गाड़ी लंबे समय से अपने घर में रखकर सरकारी डीजल और पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसके साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं
मुख्यमंत्री सचिवालय ने पथ निर्माण विभाग के एसीएस को दिया निर्देश
मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय हरकत में आया.मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव मनोज कुमार ने 16 दिसंबर 2024 को पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा. जिसमें कहा गया कि पूर्व विधायक ललन पासवान ने मुख्यमंत्री को संबोधित कर पत्र लिखा है. पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं, इसकी छानबीन कर समुचित निर्णय लें.साथ ही कार्रवाई के संबंध में ललन पासवान को सूचित करें. मुख्यमंत्री सचिवालय को भी जानकारी दें. मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र मिलने के बाद पथ निर्माण विभाग हरकत में आया. इसके बाद 30 जनवरी 2025 को पथ निर्माण विभाग के दक्षिण बिहार के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा गया. जिसमें कहा गया है कि कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र नारायण के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच करें. आरोप है कि वे कोचस स्थित आवास में नहीं रहकर प्रतिदिन पटना से आवागमन करते हैं. जिससे की सरकारी पैसे की बर्बादी होती है. साथ ही अधीनस्थ अभियंताओं के माध्यम से संवेदक से पैसा की उगाही करते हैं. इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन दें