उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला इस समय देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह है- सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूर, जो रविवार से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। उनके रेस्क्यू के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। इस दौरान कुछ मार्मिक घटनाएं भी सामने आई हैं।
‘मां से मत कहना…’
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों में से एक पुष्कर भी हैं। वे काफी थक चुके हैं। उन्होंने अपने भाई विक्रम सिंह से बात करते हुए ऐसी बात कही, जिसे जानकर आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी। पुष्कर ने कहा- भाई, मैं यहां ठीक हूं। मेरे साथ अन्य मजदूर भी हैं। मां को मत बताना कि मैं यहां सुरंग में फंसा हुआ हूं। यदि मां को सच बताओगे तो वह चिंतित हो जाएंगी।
विक्रम चंपावत जिले के रहने वाले हैं। वे अपने भाई से बात करने के बाद अपने आंसुओं को नहीं रोक सके। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को पुष्कर से थोड़ी देर बात हुई। उन्हें इस बात की चिंता है कि सच जानकर मां परेशान न हो जाए।
विक्रम ने बताया कि पुष्कर से बात करने के लिए हमारे पास कुछ ही सेकंड थे। इसलिए मैंने जल्दी से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और बाहर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। छोटा होने के कारण वह हम सभी का प्रिय है।
विक्रम उत्तराखंड रोडवेज में हेल्पर के तौर पर काम करता है। अपने भाई के सुरंग में फंसे होने की जानकारी मिलते ही वह उत्तरकाशी के लिए रवाना हो गया। हालांकि, माता-पिता को पड़ोसियों से पुष्कर के सुरंग में फंसे होने की जानकारी मिली, जिससे वे काफी चिंतित हो गए। हालांकि, पुष्कर को इस बारे में नहीं बताया गया है।
‘हमें कब बाहर निकालोगे’
बचाव कर्मी सुरंग में फंसे 41 लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं, ताकि उनका मनोबल बढ़ाया जा सके। वेल्डिंग काम में लगे मोहम्मद रिजवान ने बताया कि हम सुरंग में फंसे लोगों से लगातार बातचीत कर रहे हैं और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं। हालांकि, उन लोगों का एक ही सवाल है- हमें कब बाहर निकालोगे।