माता सीता ने बिहार में कहां की थी छठ पूजा, आज भी है आस्था का केंद्र
छठ भक्तों के लिए आस्था का महापर्व है, जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अष्टमी तक मनाया जाता है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 5 नवंबर से हो रही है और इसका समापन 8 नवंबर 2024 को होगा.
आज देश-दुनिया में छठ पर्व मनाया जाता है. लेकिन इसकी जड़ें बिहार से जुड़ी हैं. महापर्व छठ से कई अनुश्रुतियां जुई हैं. लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, सबसे पहली बार माता सीता ने छठ पूजा की थी जिसके बाद इसकी शुरुआत हुई.
कहा जाता है कि माता सीता ने बिहार के मुंगेर गंगा तट पर छठ पूजा की थी. मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पश्चिमी तट पर माता सीता ने छठ किया था. आज भी प्रमाण के रूप में इस स्थान पर माता सीता के चरण चिह्न मौजूद है, जोकि विशाल पत्थर पर अंकित है.
वाल्मीकि और आनंद रामायण में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि, मुंगेर में माता सीता ने छह दिन रहकर छठ पूजा संपन्न की थी.
भगवान राम 14 साल का वनवास पूरा कर और रावण वध के बाद जब अयोध्या वापस लौटे तो रावण वध के पाप से मुक्त होने से लिए मुग्दल ऋषि ने उन्हें सूर्य उपासना करने को कहा.
ऋषि के आदेश पर राम-सीता दोनों मुंगेर गए और कार्तिक षष्ठी पर मुंगेर के बबुआ गंगा घाट पर सूर्य उपासना की. इसके बाद से ही छठ महापर्व की शुरुआत हुई.
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