नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम को किंगपिन संजीव मुखिया की तलाश है. वह बिहार के बड़े एग्रीकल्चर इंस्टिट्यूट में टेक्निकल असिस्टेंट का काम करता है. जब ईटीवी भारत की टीम नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत भुतहाखार उसके घर पहुंची तो गांव के कोई भी लोग कैमरे के सामने नहीं आ रहे थे. साथ ही कुछ भी बताने से परहेज कर रहे थे. गांव का दृश्य ऐसा था जैसे मानों मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
संजीव मुखिया के घर पहुंची ईटीवी: ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया के घर पहुंचे तो घर पर सिर्फ संजीव की मां यशोदा देवी थी. उन्होंने बताया कि हमारा बेटा और पोता दोनों निर्दोष है. उसे जबरदस्ती फंसाया जा रहा है. जेल जाने का मतलब यह नहीं होता कि वह हमेशा यही काम करता था. उन्होंने यह बात माना कि इससे पहले भी संजीव इसी मामले में जेल जा चुका है।
जदयू विधायक का बेटा शामिल: वहीं, संजीव की मां ने इसका सीधा आरोप हरनौत के जद(यू) विधायक हरिनारायण सिंह के पुत्र अनिल सिंह पर लगाया है. जो इस कार्य में लिप्त है. उन्होंने कहा कि अनिल सिंह ने मेरे पुत्र को अपने साथ रखकर बदनाम कर दिया. मेरे पुत्र का राजनीतिक रसूख बढ़ने लगा था, इसी दुश्मनी में उसे फंसाने की कोशिश की जा रही है।
छोटा भाई और पिता खेती करते: उन्होंने बताया कि संजीव कुमार दो भाई हैं. वह बड़ा भाई है. उसने प्रतियोगिता परीक्षा पास कर नौकरी जॉइन किया है. छोटा भाई और पिता खेती करते हैं, जबकि मां स्वास्थ कर्मी है. कुछ साल पहले वह रिटायर्ड हुई है. संजीव कुमार के नाम यहां कुछ भी नहीं है. जो भी संपत्ति है वो पिता और छोटे भाई के नाम पर है।
जहां पति है वहां पत्नी भी है: संजीव कुमार पटना में परिवार के साथ किराया पर रहता है. मार्च के महीने में जब हम बीमार थे तो वह आखिरी बार मुलाकात और बात किया था. उसके बाद से संजीव कहां और कैसा है इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन उन्हें ये पता है कि जहां पति है वहां पत्नी भी है।
अब तक दरवाजे पर नहीं पहुंची पुलिस: उन्होंने बताया कि बेटा संजीव कुमार और पोता डॉ. शिव कुमार को छुड़ाने एवं उनपर लगे आरोप के लिए पिता कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पटना गए हुए हैं. अभी तक इस मामले में संजीव कुमार की खोज के लिए कोई भी टीम उनके दरवाजे पर नहीं पहुंची है. वहीं, पिता से संजीव कुमार की बात करने को लेकर इंकार कर दिया गया. संजीव की मां ने कहा कि उसका हमसे बात नहीं होती है. मेरा बेटा पढ़ाई खत्म कर नौकरी करने निकल गया था. उसने पटना से ही उच्च शिक्षा ग्रहण किया।
“सीबीआई को इस मामले की जांच सौप दी गई है, अब हमें पूरा विश्वास है कि जांच के बाद दूध का दूध और पानी सामने आ जाएगा. मेरा बेटा पुलिस से कम नहीं पढ़ा लिखा है, सिर्फ जबरदस्ती उसे फंसा ना दिया जाए इसलिए वह पुलिस के सामने नहीं आ रहा है.” – यशोदा देवी, संजीव की मां
6 मई से इंस्टीट्यूट नहीं आया: सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है कि संजीव कुमार नेपाल में आश्रय लिए हुए हैं. आपको बताते चलें कि 6 मई से संजीव मुखिया एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट नहीं आया. उसने मेडिकल लीव के लिए आवेदन दिया है. जिसमें यह लिखा गया है कि वह शारीरिक तौर पर अस्वस्थ है. वहीं, एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट की ओर से संजीव कुमार को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र जारी किया है।