‘आरक्षण का मामला 9वीं अनुसूची में शामिल हो या नहीं, जदयू अपनी स्थिति साफ करे’ : तेजस्वी के सवाल
जाति आधारित गणना पर तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और राजद 17 महीने तक महागठबंधन की सरकार में पार्टनर था, उसी समय में जाति आधारित गणना करवायी गयी. पिछले 17 वर्षों से नीतीश कुमार सत्ता में है, महागठबंधन की सरकार से पहले क्यों नहीं नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित गणना करवाई।
अनुच्छेद 9 में शामिल हो आरक्षण कोटाः तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में आरक्षण का कोटा बढाया गया था. आरजेडी शुरू से ही आरक्षण को शेड्यूल 9 में डालने का दबाव बना रहा था. जदयू के लोग नौटंकी कर रहे हैं, जो आज उन पर सवाल उठा रहे हैं. वही लोग उसे समय उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठकर केंद्र सरकार से मांग किए थे कि आरक्षण के मसले को अनुच्छेद 9 में शामिल किया जाए. यही कारण है कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए धरना दे रहे हैं।
महागठबंधन की सरकार में हुआ कामः तेजस्वी यादव ने कहा कि जब वह सरकार में थे तो 5 लाख को नौकरी दी गई 3 लाख नौकरी प्रक्रिया के अधीन थी. जेडीयू पर निशाना चाहते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह लोग पूरी तरीके से नकारात्मक लोग हैं. बिहार के लोग कहते हैं कि जदयू केंद्र में बहुत ही ताकतवर हो गई है तो आखिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री जब यह बता रहे थे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है तो जेडीयू के लोग बैठकर ताली बजा रहे थे।
बिहार के लोगों के साथ सौतेला व्यवहारः तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के लोगों ने नरेंद्र मोदी को तीन बार देश का प्रधानमंत्री बनाया, उनके प्रधानमंत्री बनने में बिहार के लोगों की विशेष भूमिका रही है. जेडीयू के नेताओं से तेजस्वी यादव ने सवाल पूछा कि उन लोगों को यह बताना चाहिए कि आरक्षण के मुद्दे को शेड्यूल 9 में रखा जाए या नहीं. बता दें कि आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. राजद ने जो जो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, उस पर सोमवार को सुनवाई होने वाली है।
सभी नेताओं को पद चाहिएः जदयू नेता केसी त्यागी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव का समय आ रहा है, यही कारण है कि कोई नेता इधर जा रहा है तो कोई उधर जा रहा है. सभी नेताओं को पद चाहिए, कोई एमएलए बनना चाह रहा है तो कोई एमपी बनना चाह रहा है. सीट सीमित है. उन्होंने कहा कि आरजेडी हमेशा से विचारधारा की लड़ाई लड़ी है. उन लोगों ने कभी विचारधारा के साथ कंप्रोमाइज नहीं किया कभी बीजेपी और आरएसएस के साथ हाथ नहीं मिलाया।
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