BJP की जीत में कौन सा फैक्टर रखेगा मायने, 5 प्वाइंट हो सकते हैं गेम चेंजर

pm modi 15

देशभर में कुल सात चरणों में मतदान किया गया. 19 अप्रैल से शुरू हुआ यह मतदान 1 जून तक चला. आइए जानते हैं वो 5 फेक्टर जो चुनाव में पलट सकती है गेम.

HIGHLIGHTS

  • BJP की जीत में कौन सा फैक्टर रखेगा मायने
  • 5 प्वाइंट हो सकते हैं गेम चेंजर
  • मोदी की गारंटी पर राजनीति

New Delhi:

1 जून को आखिरी चरण के मतदान के बाद से सभी की निगाहें 4 जून को होने वाले चुनावी नतीजे पर टिकी हुई थी और आखिरकार इम्तिहान की घड़ी आ ही गई, जब देश की दो मजबूत गठबंधन के बीच फैसला होगा कि किसके हाथ में देश की कमान होगी. देशभर में कुल सात चरणों में मतदान किया गया. 19 अप्रैल से शुरू हुआ यह मतदान 1 जून तक चला. इस लंबे समय काल में सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं, सातवें चरण के मतदान के बाद से एग्जिट पोल आने शुरू हो गए और उसके मुताबिक एनडीए की प्रचंड बहुमत से सरकार बनते दिखाई जा रही है. भले ही एग्जिट पोल के मुताबिक केंद्र में मोदी सरकार की वापसी हो रही है, लेकिन यहां कई छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.

आइए जानते हैं वो 5 फेक्टर जो चुनाव में पलट सकती है गेम-

मोदी फैक्टर
भाजपा की तरफ से मोदी पहली बार 2013 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने. जिसके बाद से मोदी पार्टी का चेहरा बन गए. 2014 और 2019 दोनों ही लोकसभा चुनाव के नतीजे यह साबित कर चुके हैं कि कैसे मोदी ने जाति रेखाओं से ऊपर उठकर, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में भी मोदी फेक्टर ने अलग-अलग समूहों के गठबंधन को एक साथ लाया था. यह सिर्फ मोदी फेक्टर ही है जिसने यूपी, बिहार, राजस्थान, झारखंड सहित कई राज्यों में अपना परचम लहराया.

वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार मोदी लहर में थोड़ी कमी देखी गई. खासकर पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में थोड़ी नाराजगी देखी गई. वहीं, अग्निपथ योजना, पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर भी लोगों में गुस्सा देखा गया. उधर, विपक्ष ने भी आरक्षण और संविधान को पूरे चुनावी प्रचार के दौरान बड़ा मुद्दा बनाया और मोदी सरकार को घेरने का काम किया. यदि भाजपा बड़े पैमाने पर हिंदी बेल्ट में अपनी पकड़ बनाए रखती है, तो यह विपक्ष की बड़ी हार साबित होगी.

मोदी की गारंटी पर राजनीति
बता दें कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए जैसे ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने न्याय गारंटी का अभियान चलाया, वैसे ही भाजपा लोगों के बीच मोदी की गारंटी लेकर आई. कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा से लेकर न्याय गारंटी के साथ अपने मतदाताओं को लुभाने में कुछ राज्यों में सफल रही. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष ने बेरोजगारी और रोजगार को अपना मुद्दा बनाकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और न्याय की गारंटी ली. तो दूसरी तरफ मोदी की गारंटी के साथ केंद्र सरकार ने चार जाति समूहों- युवाओं, महिलाओं, किसान और गरीबों को लेकर चुनावी एजेंडा तैयार किया. अब देखना होगा कि मोदी की गारंटी या न्याय की गारंटी जनता ने किस पर भरोसा जताया है.