पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही उससे जुड़े कई अहम राज भी दफन हो गए हैं। अपराध के जरिए अर्जित की गई करोड़ों रुपये की संपत्ति और रंगदारी के मामले की तफ्तीश अभी चल रही थी। अब मौत होने से आगे की छानबीन नहीं हो पाएगी।
हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से मुख्तार की बीवी अफ्शां, उसके ससुर समेत अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है। मगर मुख्य आरोपी की मौत से कई तथ्य व साक्ष्य जुटाने में जांच एजेंसी को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
भाई अफजाल अंसारी समेत कई से पूछताछ
ईडी की प्रयागराज इकाई ने वर्ष 2020 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसके बाद बांदा जेल में उसका बयान दर्ज किया था। छानबीन को आगे बढ़ाते हुए 2022 में ईडी ने समन जारी करके मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी समेत कई अन्य से लंबी पूछताछ की थी।
इस दौरान पता चला था कि विकास कंस्ट्रक्शन और आगाज कंस्ट्रक्शन के जरिए करोड़ों रुपये का धनशोधन किया गया था। बैंक खातों, इनकम टैक्स रिटर्न सहित दूसरे अभिलेखों की जांच की गई। यह तथ्य भी आया कि सरकारी जमीन पर कोल्ड स्टोरेज बनवाकर एफसीआई को किराए पर देकर पैसा वसूला गया था।
करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति अटैच
मुख्तार को दफ्तर बुलाकर कई दिनों तक पूछताछ की गई थी। इसी आधार पर ईडी ने माफिया मुख्तार का रिमांड बनवाने के साथ ही उसके विधायक बेटे अब्बास अंसारी, साले आतिफ रजा को गिरफ्तार करते हुए सभी के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया।
इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मऊ, गाजीपुर समेत अन्य शहरों में स्थित करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति को अटैच किया गया। कहा गया है कि मुख्तार पर पंजाब जेल में रहते हुए रंगदारी वसूली करने का आरोप लगा था, जिसकी जांच अभी पूरी नहीं हो पाई थी। इसी तरह प्रॉपर्टी की भी छानबीन चल रही थी।
अफ्शा के विरुद्ध जारी है लुक आउट नोटिस
मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्तार की वांछित बीवी अफ्शां के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी है, ताकि वह विदेश न भाग सके। ईडी की टीम लंबे समय से उसकी तलाश कर रही है। कहा जा रहा है कि शौहर की मौत के बाद अफ्शां मूल निवास आ सकती है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी पर संशय है। बहरहाल, केंद्रीय जांच एजेंसी उसकी गतिविधि पर नजर रख रही है।