धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते वक्त भूलकर भी न करें यह गलती, खास बातों का जरूर रखें ध्यान

GridArt 20231109 153528999

धनतेरस का पर्व कल यानी 10 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बर धनतेरस पर प्रीति योग का खास संयोग बन रहा है। इसके अलावा इस बार धनेतरस पर ग्रहों की स्थिति भी शुभ रहने वाली है। ऐसे में लोग यह जानता चाहेंगे कि आखिर धनतेरस पर खरीदारी के लिए क्या शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं। पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 57 मिनट के बाद पूरे दिन खरीदारी कर सकते हैं। ऐसे में लोग यह जानने को उत्सुक होंगे कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान की मूर्ति खरीदने में किन बातों का ध्यान रखें या इस दौरान किन गलतियों को ना करें।

धनतेरस का क्या है महत्व

ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. धनंजय पाण्डेय के अनुसार, धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की मूर्ति खरीदना सर्वोत्तम है। क्योंकि इस दिन खरीदी गई मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों ही पूजा तो दिवाली के दिन होती है। इतना ही नहीं, इस दिन खरीदी गई मूर्तियों की पूजा तो पूरे साल होती है। हालांकि कुछ लोग जो धातु की मूर्ति खरीदते हैं, हमेशा के लिए रहती हैं और रोजना इनकी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि धनतेरस पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें। साथ ही इस दौरान कौन-कौन गलतियां न करें।

लक्ष्मी-गणेश की अलग-अलग मूर्ति

ज्योतिष शास्त्र के जानकार पं. मणिभूषण झा के अनुसार, धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदना शुभ है। इस दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदकर घर लाने से उनकी कृपा का विशेष लाभ प्राप्त होता है। इस दिन भूलकर भी मां लक्ष्मी-और गणेश की एकसाथ वाली मूर्ति न खरीदें। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और गणेश की अलग-अलग मूर्तियां ही खरीदनी चाहिए।

मां लक्ष्मी की प्रतिमा कैसी होनी चाहिए ?

धनतेरस पर किसी भी प्रकार की मूर्ति नहीं खरीद लेनी चाहिए। इस दिन मां लक्ष्मी की धनवर्षा करती हुई तस्वीर या मूर्ति खरीदना शुभ रहता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को धनतेरस पर इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसके अलावा मूर्ति या तस्वीर में प्रतिमा की हाथ से सिक्के या धन गिरना शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक है। जानकारी के लिए बता दें कि दीवाली के दिन उल्लू की जगह हाथी या कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए। मूर्ति लेते वक्त ध्यान रखें कि वह मिट्टी से बनी हो। मिट्टी की प्रतिमा के साथ पीतल, अष्टधातु या चांदी की मूर्ति का भी पूजन कर सकते हैं।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts