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बिहार की चिंता करते-करते पैसे के जुगाड़ में निकले प्रशांत किशोर, चंद्रबाबू नायडू से की मुलाकात

बिहार की चिंता के लिए जनसुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर आज अचानक कमाई की चिंता में लग गये. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा हवाई अड्डे पर प्रशांत किशोर नजर आ गये. पिछले 14 महीनों से बिहार में पायजामा-कुर्ता पहन कर घूम रहे प्रशांत किशोर जींस पैंट औऱ शर्ट में हवाई अड्डे से बाहर निकले. लोगों को कुछ देर में तब सारा माजरा समझ में आया जब उन्होंने प्रशांत किशोर के साथ तेलगु देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को भी बाहर निकलते देखा.

चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश तेलगु देशम पार्टी के महासचिव भी हैं. प्रशांत किशोर उनके साथ एयरपोर्ट से बाहर निकले और फिर नारा लोकेश की गाड़ी में ही सवार होकर निकल गये. PK वहां से निकल कर सीधे अमरावती रवाना हो गये. अमरावती के उदावल्ली में टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू का आवास है. प्रशांत किशोर ने चंद्रबाबू नायडू के घर जाकर उनसे लंबी बातचीत की.

पहले जगन अब चंद्रबाबू

बता दें कि अगले साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहां जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस औऱ चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगु देशम पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होना तय लग रहा है. आंध्र प्रदेश में इससे पहले 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे. उस समय प्रशांत किशोर ने जगन मोहन रेड्डी के चुनाव अभियान का सारी कमान संभाली थी. जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने चुनाव आयोग को दिये गये हिसाब किताब में बताया था कि उसने चुनाव प्रबंधन के लिए प्रशांत किशोर की संस्था आईपैक को डेढ़ सौ करोड़ रूपये से ज्यादा की रकम दी थी.

लेकिन अब समीकरण बदल गया है. प्रशांत किशोर इस दफे चंद्रबाबू नायडू के लिए चुनाव प्रबंधन करेंगे. टीडीपी सूत्रों ने बताया कि आज डील फाइनल हो गयी है. वैसे ये भी दिलचस्प है कि आंध्र प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर और चंद्रबाबू नायडू के बीच जमकर तकरार भी हुई थी. चंद्रबाबू नायडू ने प्रशांत किशोर को बिहारी ठग बताया था. इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने चंद्रबाबू नायडू पर करारा हमला बोला था.

हालांकि दो दिन पहले प्रशांत किशोर ने ये भी कहा था कि वे कांग्रेस की विचारधारा के करीब हैं. एक टीवी चैनल के इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि वे कांग्रेस के साथ काम करने को तैयार हैं लेकिन इस पर फैसला कांग्रेस को लेना है. प्रशांत किशोर के इस बयान पर सियासी गलियारे में खूब चर्चा हुई थी. एक ओर तो वे बिहार में पदयात्रा कर भाजपा, जेडीयू, राजद के साथ साथ कांग्रेस को कोस रहे थे. दूसरी ओर वे कांग्रेस के साथ काम करने की इच्छा भी जता रहे थे.


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Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

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