आतंकवादियों के साथ बिरयानी किसने खाई थी? जम्मू-कश्मीर में अमित शाह ने पूछा सवाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को भाजपा प्रत्याशी रविंद्र रैना के समर्थन में प्रचार करने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा पहुंचे। उन्होंने जनसभा में प्रमुख रूप से आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस और फारूक अब्दुल्ला को घेरा।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आतंकवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में घाटी की जनता से रविंद्र रैना के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा, अगर घाटी की जनता रैना के समर्थन में मतदान कर उन्हें विजयी बनाएगी, तो हम नौशेरा घाटी में विकास की नई मिसाल कायम करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने आतंकवाद का जिक्र कर जम्मू- कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “अब्दुल्ला साहब, आप चिंता मत कीजिए, चुनाव संपन्न होने के बाद हम लोग श्वेतपत्र लेकर आने वाले हैं, जो कांग्रेस को, आपको और मुफ्ती परिवार को पूरी तरह से एक्सपोज करेगा। आखिर आतंकवाद घाटी में कौन लेकर आया? किसकी शह पर आया? उस वक्त केंद्र में किसकी सरकार थी और घाटी में किसका शासन था? किसने आतंकवादियों के साथ बिरयानी खाई थी? यह पूरा कच्चा चिट्ठा हम खोलकर रखने वाले हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हाल ही में कांग्रेस के पूर्व गृह मंत्री शिंदे ने कहा था कि पहले उन्हें लाल चौक जाने से डर लगता था। अब आप देखिए देश का पूर्व गृह मंत्री लाल चौक पर जाने से डरता है। कोई बात नहीं शिंदे साहब। अपनी-अपनी फितरत होती है, लेकिन मैं अब गृह मंत्री हूं, मैं आपसे कहता हूं कि आप पोते-पोतियों के साथ लाल चौक जाइए, आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा।”
अमित शाह ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह पार्टी घाटी में फिर से आतंकवाद को स्थापित करना चाहती है। घाटी के लोग आज की तारीख में चैन की नींद सो रहे हैं। चौतरफा शांति की बयार बह रही है, लेकिन कांग्रेस की मानसिकता देखिए कि वो फिर से घाटी में आतंकवाद को वापस लाना चाहती है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है, तब तक कांग्रेस का यह ख्वाब किसी भी कीमत पर मुकम्मल होने वाला नहीं है।”
उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर भी फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा। कहा, “फारूक अब्दुल्ला बोलते हैं कि वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लाकर रहेंगे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर इनकी तीन पीढ़ियां भी गुजर जाएंगी, तो भी उनका यह ख्वाब पूरा नहीं होगा। वो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर सकते हैं। आज घाटी में चौतरफा शांति की बयार बह रही है, जिसे कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं, लेकिन मैं ऐसा होने नहीं दूंगा।”
जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने आतंकवाद को घाटी से जड़ से खत्म करने की दिशा में प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम घाटी में लोगों को शांतिपूर्ण जीवन देने के लिए आतंकवाद को जड़ से खत्म कर देंगे।
शाह ने कहा कि अगर किसी ने घाटी की शांति में खलल पैदा करने की कोशिश की तो मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम माकूल जवाब देंगे जैसा पहले नहीं कर पाते थे। आज की तारीख में हम ईंट का जवाब पत्थर से दे रहे हैं और यह सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की वजह से मुमकिन हो पाया है, जिसे घाटी के लोग भली भांति समझ रहे हैं।
शाह ने अपने संबोधन में दो टूक कहा, “अगर घाटी में फिर से आतंकवाद या पत्थरबाजी हुई, तो मुझे यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि हम उसे पाताल में दफना देंगे।”
उन्होंने कहा, “फारूक अब्दुल्ला शंकराचार्य पर्वत का नाम बदलना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा किसी भी कीमत में होने नहीं देंगे।”
शाह ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नहीं चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में पहाड़ियों को आरक्षण मिले, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह तय किया है कि हम पहाड़ियों को आरक्षण देंगे और उनके विकास के लिए काम करेंगे।”
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