नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में अपनी तीसरी पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। इसी के साथ मोदी-3.0 के लिए बनने वाले टीम के चेहरों को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है।
खुद मोदी यूपी के वाराणसी से सांसद हैं। इस चुनाव में जिस तरह भाजपा को यूपी में बड़ा झटका लगा है और उसके सात केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि सांसदों की संख्या घटने के बाद क्या केंद्रीय मंत्रिमंडल में यूपी का प्रतिनिधित्व बरकरार रहेगा। यूपी से कई नये चेहरों का केंद्र में मंत्री बनना तय है।
यह अलग बात है कि पार्टी नेतृत्व के समक्ष इन चेहरों के चुनाव में कई तरह की चुनौतियां होंगी। यूपी से मोदी-2.0 में मोदी और राजनाथ सिंह सहित 13 सदस्य थे। इनमें बीएल वर्मा राज्यसभा सांसद हैं। चुनाव मैदान में उतरे मंत्रियों में सिर्फ राजनाथ सिंह, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल और अपना दल (एस) कोटे की अनुप्रिया पटेल ही जीत सकी हैं। जबकि सात मंत्री हार गए हैं।
इनमें कैबिनेट मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय व स्मृति ईरानी के अलावा राज्यमंत्री संजीव बालियान, भानू प्रताप वर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, अजय मिश्रा टेनी और कौशल किशोर शामिल हैं। माना जा रहा है कि पहले के मुकाबले इस बार यूपी से मंत्रियों की संख्या कुछ कम रह सकती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी अब 2027 में होने हैं इसलिए फिलहाल कोई जल्दबाजी भी नहीं है।
दलित चेहरों को मिल सकती है तरजीह जहां तक नई टीम का सवाल है तो प्रदेश से क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही नये और पुराने चेहरों में संतुलन बिठाने की चुनौती पार्टी नेतृत्व के समक्ष होगी। पुराने चेहरों की बात करें तो राजनाथ सिंह, अनुप्रिया पटेल और रालोद मुखिया जयंत चौधरी का मंत्रिमंडल में आना लगभग तय है। संविधान बदलने के नाम पर जिस तरह विपक्ष ने भाजपा को घेरने का प्रयास किया है, उसमें कम से कम दो दलित चेहरे टीम में शामिल किए जा सकते हैं।
इसमें पार्टी एसपी सिंह बघेल को रिपीट कर सकती है। जबकि पश्चिमी यूपी में आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर रावत की जीत से बन रहे नये समीकरणों को देखते हुए जाटव समाज से भी एक मंत्री बनाए जाने की संभावना है। ऐसे में शाहजहांपुर के सांसद अरुण सागर की लॉटरी लग सकती है।
ब्राह्मण कोटे से जितिन या दिनेश संभव डा. महेंद्रनाथ पांडेय के हारने के बाद ब्राह्मण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद, डा. दिनेश शर्मा, डा. महेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी में से किसी एक को शामिल किया जा सकता है। संजीव बालियान के चुनाव हारने के बाद पश्चिमी यूपी से राजकुमार चाहर या गुर्जर कोटे से राष्ट्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर का भाग्य चमक सकता है। वहीं कुर्मी चेहरे के रूप में पंकज चौधरी की वापसी या नये चेहरे के रूप में आरपीएन सिंह की एंट्री होने की संभावना है। लोध कोटे से बीएल वर्मा की वापसी या साक्षी महाराज का नाम संभावित है।