कौन हैं दीया कुमारी, जो सांसद से राजस्थान के डिप्टी CM की कुर्सी तक पहुंचीं
राजस्थान में पिछले 9 दिन से मुख्यमंत्री पद के लिए बना सस्पेंस खत्म हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक दल की बैठक में सांगानेर के विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया, वहीं उपमुख्यमंत्री का पद जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी को मिला है। दीया इस चुनाव के लड़ने तक केंद्रीय सत्ता में लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा थीं। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन पर दांव खेला और वह जीतकर आईं।
ये हैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री
बता दें कि भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 199 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें से दीया कुमारी समेत 3 वो राजनैतिक शख्सियत हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतकर संसद में पहुंचे थे। इनके अलावा एक राज्यसभा सदस्य पर भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दांव खेला, जो जीतकर विधानसभा में बैठेंगे।
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पार्टी नेतृत्व के सामने विधायक दल का नेता और उनके सहयोगियों को चुनना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। यह वजह रही कि इस प्रक्रिया के लिए केंद्रीय चुनाव समिति को पर्यवेक्षक भी नियुक्त करने पड़े। मंगलवार को विधायक दल की बैठक में सांगानेर के विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री, जयपुर राजघराने की पूर्व लोकसभा सदस्य दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।
#WATCH | Jaipur | Rajasthan Deputy CM-designate Diya Kumari leaves after the BJP legislative party meeting. pic.twitter.com/0iirmd8d7C
— ANI (@ANI) December 12, 2023
इतनी संपत्ति की मालकिन हैं दीया कुमारी
उपमुख्यमंत्री बनीं 52 राजकुमारी दीया कुमारी के दादा मान सिंह-2 अंग्रेजों के राज के वक्त जयपुर के आखिरी शासक रहे हैं। आजादी के बाद यह रियासत भारतीय संप्रुभता का हिस्सा बन गई। जयगढ़ और अंबर किलों की मालकिन दीया कुमारी महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट, जयपुर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के अलावा दो स्कूल भी चला रही हैं। इस संपत्ति की वैल्यू 16 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है।
लंदन से फाइन आर्ट्स व डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा करने के बाद दीया कुमारी ने 1997 में जब शादी का फैसला किया तो नरेंद्र सिंह नामक शख्स के किसी राज परिवार वगैरह से ताल्लुक नहीं रखने के कारण, दीया के परिजन नपराज हो गए थे। बावजूद इसके दिल्ली की एक कोर्ट में गुपचुप शादी कर चुकी दीया ने 2019 में तलाक ले लिया।
2013 में पहली बार विधायक बनीं तो फिर पहुंचीं संसद, अब फिर…
अगर दीया कुमारी के राजनैतिक सफर की बात करें तो 2013 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद पार्टी ने उन्हें सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया। वह जीती भी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया। हालांकि 6 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में राजसमंद सीट से उम्मीदवारी मिली तो जीत दर्ज करके संसद पहुंचीं।
अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने एक और बड़ा दांव खेला और सेफ मानी जा रही जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से दीया कुमारी को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। हालांकि मौजूदा समय में उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में बड़ी दावेदारी में सामने आ रहा था, लेकिन संगठनात्मक फैसला उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का ही हुआ है। यह यह बात भी उल्लेखनीय है कि दीया कुमारी राजनैतिक विवादों से दूर ही रहती हैं।
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