Paris Olympics 2024 में टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा ने इतिहास रच दिया है। मनिका बत्रा ओलंपिक में टेबल टेनिस की स्पर्धा में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। उन्होंने फ्रांस की प्रितिका पावड़ को सीधे सेटों में हराकर ये उपलब्धि हासिल की है।
विश्व रैंकिंग में भारतीय मूल की प्रितिका 12वें और मनिका 18वें नंबर की खिलाड़ी हैं, लेकिन भारतीय खिलाड़ी मनिका बत्रा ने इस मैच में शुरू से अंत तक अपना दबदबा बनाए रखा और क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का सपना पूरा कर लिया।
मनिका के इस शानदार प्रदर्शन से टेबल टेनिस की स्पर्धा में भी भारत को पदक की उम्मीद बढ़ गई है। इस बीच लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये मनिका बत्रा कौन हैं और इन्होंने ओलंपिक तक का सफर कैसे तय किया है।
कौन हैं मनिका बत्रा
मनिका बत्रा 14 जून 1995 को दिल्ली में जन्मी थीं। उन्होंने 4 साल की उम्र में ही टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। स्कूल और घर दोनों जगह वह खेल का अभ्यास करती थीं। महज 7 साल की उम्र में मनिका ने अंडर-8 कैटेगरी का राज्य स्तरीय टूर्नामेंट जीत लिया था। इसके बाद वह दिल्ली की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन गई थीं। यहां से मनिका ने जो सफर शुरू किया तो उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
टेबल टेनिस में रचा इतिहास
मनिका बत्रा ने पेरिस ओलंपिक-2024 में इतिहास रचते हुए राउंड ऑफ-16 में प्रवेश कर लिया है। मनिका ने टेबल टेनिस एकल राउंड ऑफ-32 में फ्रांस की प्रितिका पावड़ को मात देकर अगले दौर में प्रवेश किया। मनिका टेबल टेनिस के राउंड ऑफ-16 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। मनिका ने इस मैच के 37वें मिनट पर ही फ्रांसीसी खिलाड़ी के खिलाफ 11-9, 11-6, 11-9, 11-7 से जीत दर्ज की। अब मनिका का सामना महिला एकल प्री-क्वार्टर फाइनल में 8वीं वरीयता प्राप्त जापान की खिलाड़ी मियू हिरानो या चीन की खिलाड़ी झू चेंगझू से होगा।
टोक्यो ओलंपिक में भी रचा था इतिहास
मनिका बत्रा राष्ट्रमंडल खेलों की भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। टोक्यो ओलंपिक-2020 में भी मनिका बत्रा ने इतिहास रचते हुए महिला एकल में राउंड ऑफ-32 में जगह बनाई थी। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं। इसके अलावा मनिका ने गोल्ड कोस्ट-2018 में 2 स्वर्ण समेत 4 पदक जीतकर इतिहास रचा था। मनिका बत्रा तीसरी बार ओलंपिक में हिस्सा ले रही हैं।
मॉडलिंग को ठुकराकर टेबल टेनिस को चुना
मनिका बत्रा को बचपन से ही टेबल टेनिस का खेल खूब पसंद रहा है। महज 4 वर्ष की उम्र से ही वह टेबल टेनिस खेलती आ रही हैं। इस खेल के लिए उन्होंने किशोरावस्था में ही आए मॉडलिंग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। मनिका बत्रा टेबल टेनिस में वैसा ही अपना नाम बनाना चाहती थी, जैसा पीवी सिंधु और साइना नेहवाल ने बैडमिंटन के खेल में बनाया है।
अपने सपने को लेकर क्या कहती हैं मनिका
मनिका बत्रा अपने सपने को लेकर कहती हैं कि जिस तरह आज लोग टेबल टेनिस के बारे में नहीं जानते हैं उसी तरह कभी बैडमिंटन भी लोगों के बीच उतना पापुलर नहीं था, लेकिन पीवी सिंधु और साइना नेहवाल जैसी खिलाड़ियों ने इस खेल को लोकप्रिय बना दिया। वह भी टेबल टेनिस को उसी ऊंचाई तक ले जाना चाहती हैं।
21 वर्ष की उम्र में ओलंपिक में रखा कदम
मनिका बत्रा में टेबल टेनिस का जुनून किस कदर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने गले में टेबल टेनिस गेंद और बैट के आकार में एक पेन्डेंट भी पहनती हैं। मनिका बत्रा ने महज 21 वर्ष की उम्र में ही ओलंपिक में पदार्पण किया। हालांकि, वह रियो ओलंपिक-2016 के पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। इस हार के अगले ही वर्ष 2017 में वह आईटीटीएफ रैंकिंग में विश्व में 104वें स्थान पर पहुंच गईं, जोकि भारत में किसी भी महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी की सर्वोच्च रैंकिंग थी।
राष्ट्रमंडल खेल में भी रचा इतिहास
मनिका बत्रा ने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने फाइनल में सिंगापुर की 4 बार की स्वर्ण पदक विजेता यू मेंगयू को हराकर महिला एकल का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इस जीत ने मनिका बत्रा को राष्ट्रमंडल खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बना दिया। इसी साल ITTF का ‘ब्रेकथ्रू स्टार’ पुरस्कार भी मनिका को मिला, मनिका ये सम्मान प्राप्त करने वाली एकमात्र भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं।