पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले कई दिनों से ट्रेनी डॉक्टर की मौत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। आम जनता से लेकर सियासी गलियारों तक हर तरफ इसी की चर्चा है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता शांतनु सेन को इस रेप-मर्डर केस के खिलाफ बोलना भारी पड़ गया है। ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने उन पर एक्शन लिया है।
TMC ने लिया एक्शन
9 अगस्त को आरजी मेडिकल कॉलेज के अंदर 31 साल की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। TMC नेता शांतनु सेन ने भी इस रेप की निंदा करते हुए पार्टी से सख्त एक्शन लेने की मांग की थी। हालांकि यह मांग उन्हें काफी भारी पड़ गई। शांतनु पर एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया है। शांतनु ने खुद इसका खुलासा किया है।
शांतनु ने शेयर किया वीडियो
शांतनु सेन ने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला कि उन्हें TMC के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया है। मैं दो बातें कहना चाहूंगा। मैंने प्रवक्ता के रूप में पार्टी या पार्टी के किसी नेता के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। मैं अभी भी अपने बयान पर कायम हूं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खबरें सीएम ममता बनर्जी और स्वास्थ्य मंत्री तक सही तरीके से नहीं पहुंच रही हैं। शांतनु का कहना है कि दूसरी पार्टी के नेता TMC में शामिल होते हैं और उन्हें सम्मान दिया जाता है तो बुरा लगता है। पार्टी के प्रति समर्पित लोगों को यह सब झेलना पड़ता है।
शांतनु सेन का बयान
बता दें कि शांतनु सेन के साथ-साथ उनकी पत्नी काकली सेन ने भी इस डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की निंदा की थी। शांतनु का कहना था कि मैं असमंजस में हूं कि अपनी बेटी को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नाइट ड्यूटी पर भेजूं या नहीं? मेरी बेटी वहां पढ़ती है। पिछले कुछ सालों में कॉलेज की शिक्षा प्रणाली खराब हुई है।
कौन हैं शांतनु सेन
शांतनु सेन पेशे से डॉक्टर हैं और वो खुद भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंय रह चुके हैं। नॉर्थ कोलकाता में रहने वाले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुर्शिदाबाद की कांदी सीट से चुनाव लड़ा था। मगर उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद TMC ने शांतनु को राज्यसभा सांसद बना दिया।
2019 में हुआ था विवाद
शांतनु का नाम TMC के सबसे पढ़े-लिखे और विवादों से दूर रहने वाले लोगों में शुमार है। हालांकि 2019 में शांतनु पहली बार विवादों में घिरे थे। कोलकाता की एक प्रमोटर ने शांतनु पर कट मनी लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद ममता ने सभी नेताओं को कट मनी वापस करने का आदेश दिया। शांतनु ने इन आरोपों से साफ इनकार करते हुए प्रमोटर के खिलाफ मानहानि का केस करने की धमकी दी थी। इसके बाद शांतनु कभी विवादों में नहीं आए।